रतलाम। मनमर्जी के स्टैंड, जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण चौराहों-चौराहों पर लगता जाम, सुबह से लेकर शाम तक आम राहगीर होते रहते परेशान, क्योंकि मैजिक-ऑटो चालक किसी नहीं सुनते आमजन कहें तो दादागिरी पर हो जाते ऊतारू, इन्होंने अस्पताल के मुख्य गेट को भी नहीं छोड़ा, जहां से हर आधे एक घंटे में गंभीर मरीजों का एम्बुलेंस से लाना ले जाना लगा रहता है। यह बात अलग थी पूर्व में यहां यातायात-पुलिसकर्मी तैनात रहते थे, लेकिन अब चौराहे भी विरान नजर आते है। शाम होते चौराहों हर समय जाम में तब्दिल हो जाते हैं।
शहर में प्रमुख रूप से लोकेंद्र टॉकीज चौराहा जहां आधी सड़क पर तीनों तरख की सड़कों पर तीन-चार मैजिक खड़ी मिलेंगी, जो बगैर सवारी के आगे खसकती भी नहीं चाहे दुपहिया-चार पहिया वाहन चालक हार्न बजाए या परेशान हो खड़े रहे। यह हाल केवल लोकेंद्र टॉकीज चौराहे के नहीं यहां आगे बढ़े तो शहर सराय में भी रास्तों पर ही वाहन खड़े कर सवारी बैठाने का जैसे चलन हो गया है।
इन क्षेत्रों की हालत खराब
चांदनीचौक, नौलाईपुराई, माणकचौक, तोपखाना से हरदेवलाला पीपली, सैलाना बस स्टैंड, श्रीराम मंदिर शास्त्रीनगर चौराहा हो या फिर लक्कड़पीठा रोड, बाजना बस स्टैंड हर तरफ हर आधे घंटे में एक बार इन मननर्जी से सड़कों पर मैजिक और ऑटो चालकों के खड़े करने के कारण जाम लगना आम बात हो गई है और सफर करने वाले दुपहिया-चार पहिया वाहन चालक इनकी मनमर्जी का शिकार होते रहते हैं।
अस्पताल गेट के सामने हर आधे घंटे में लगता जाम
बाल चिकित्सालय के पास एमसीएच का मुख्य गेट है, जहां से एम्बुलेंस का आना जाना लगा रहता है। मुख्य गेट पर दो-तीन ऑटो चालकों का स्थाई स्टैंड बन गया है, जो बगैर सवारी के एक गेट हटते तक नहीं है। इस कारण कई बार गंभीर मरीजों को लेकर आने वाली एम्बुलेंस चालक और मरीज सब परेशान होते रहते हैं, यहां हर आधे-पौन घंटे में जाम जैसी स्थिति बनती रहती है। जबकि यहां सड़क निर्माण का कार्य चल रहा इसके बावजूद मैजिक ऑटो चालकों मनमर्जी मरीजों के लिए मुसिबत बनती जा रही है।