इन कर्व की स्थिति को इस प्रकार समझा जा सकता है कि पंचपिपलिया-अमरगढ़ के बीच ही 65 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन को चलाया जाता है। ये गति 596-42 किमी से लेकर 600-26 किमी तक रहती है। यहां पर 3 से लेकर 5 डिग्री तक का कर्व है। इसी सेक्शन में एक बड़ी गुफा आती है, जहां पर ट्रेन की गति को कम किया जाता है। इसलिए ये कहना कि रेलवे तुरंत 100 दिन में ट्रेन की गति को 120 किमी प्रतिघंटे से बढ़ाकर 160 किमी कर देगा, संभव नहीं है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार 100 दिन में ट्रेन की गति को 160 किमी प्रतिघ्ंाटे की रफ्तार से किस तरह किया जा सकता है, इसकी योजना बनाकर देना है। इसमे अधिकारी मंडल में नई दिल्ली मुंबई राजधानी रुट पर आने वाले सभी कर्व से लेकर उतार-चढ़ाव आदि की जानकारी देंगे। इसके बाद रेलवे इसमे प्लान बनाएगा। इस प्लान को ही पूरा अगले चार वर्ष में किया जाएगा। रेलवे के उच्च अधिकारियों के अनुसार 4 वर्ष में 4 हजार करोड़ रुपए से अधिक की योजना बनाकर इन कर्व को समाप्त किया जाएगा।
रेलवे की योजना गति बढ़ाने की बेहतर है, लेकिन जब तक मंडल में कर्व है, तब तक ट्रेन की गति बेहतर नहीं की जा सकती।
इसके लिए योजना लागू करना होगी
इस समय अनेक कर्व आते है। विशेषकर अमरगढ़ से लेकर लिमखेड़ा तक सबसे अधिक कर्व है। जब तक इन कर्व को नहीं हटाया जाएगा, ट्रेन की गति को अधिक नहीं किया जा सकता है।
– जफरुल हसन, सदस्य, ऑल इंडिया लोको पायलट एसोसिएशन