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रतलाम

रेल को बेचना मंजूर नहीं करेंगे, एनपीएस के विरोध में युवा आए आगे

वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के मंडल सम्मेलन में बोले भोसले

रतलामDec 03, 2021 / 05:57 pm

sachin trivedi

रेल को बेचना मंजूर नहीं करेंगे, एनपीएस के विरोध में युवा आए आगे

रेल को बेचना मंजूर नहीं करेंगे, एनपीएस के विरोध में युवा आए आगे

रतलाम. देश में निजीकरण नहीं होगा के दावों के बीच सरकार रेलवे को बेच रही है। एक – एक करके निजीकरण किया जा रहा है। इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एनपीएस को निरस्त करवाना है तो अब युवाओं को आगे आना होगा। यह बात गुरुवार को वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के मंडल कार्यकर्ता सम्मेलन में ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री जेआर भोसले ने अतिथि के रुप में कही।
सैकड़ों की उपस्थिति वाले आयोजन में महामंत्री ने कहा कि निजीकरण एवं निगमीकरण के बारे में ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन एवं यूनियन कभी लागू नहीं होने देगा। क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सीमा कोशिक ने कहा कि जहां युवा आगे आ रहे हैं वहीं महिलाओं को भी आगे आना चाहिए। मंडल अध्यक्ष एसएस शर्मा ने कहा कि संगठन में कोई छोटा – बड़ा नहीं है सभी को एकजुटता से काम करना चाहिए। मंडल मंत्री मनोहर ङ्क्षसह बारठ ने कहा कि हम 100 साल पूर्ण कर चुके है। मंडल पदाधिकारी संगठन मंत्री दिनेश दशोरा, सहायक मंडल मंत्री ह्रदेश पांडे, सहायक मंडल मंत्री नरेंद्रसिंह सोलंकी, हरीश चांदवानी, कोषाध्यक्ष शैलेश तिवारी, जोनल संगठन मंत्री शबाना शेख ने भी संबोधन दिया।
इन्होंने किया दिपप्रज्जवलन

इसके पूर्व ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री जेआर भोसले, हिंद मजदूर सभा के प्रदेश महामंत्री गोविंदलाल शर्मा, पूर्व मंडल अध्यक्ष मनोहर पचोरी, मंडल अध्यक्ष एसएस शर्मा, मंडल मंत्री मनोहर सिंह बारठ, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सीमा कौशिक, जोनल संगठन मंत्री शबाना शेख ने दीप प्रज्वलित कर अधिवेशन का शुभारंभ हुआ।
निजीकरण हुआ तो हड़ताल तय

पश्चिम रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के महामंत्री भोसले का मानना है कि रेलवे में जबरन निजीकरण किया गया तो कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। रेलवे में संगठन की मान्यता के चुनाव के लिए हमारा संगठन तैयार है, सरकार ही चुनाव करवाने से डर रही है। इस दौरान मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे। भोसले ने आरोप लगाया कि सरकार एक संगठन विशेष को लाभ पहुंचाना चाहती है, जिसकी मान्यता नहीं है। इसलिए अलग-अलग नियम बना रही है, लेकिन इसके बाद भी चुनाव करवाने में असफल साबित हो रही है। इससे सिद्ध होता है कि सरकार की पसंद के संगठन की पकड़ कमजोर है। रेल कर्मचारियों को आठ घंटे के काम के बाद विश्राम देने का नियम है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है।
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