रतलाम/ग्रामीण। अन्नदाता के सिर से संकट के बादल छटने का नाम नहीं ले रहे हैं, पिछले तीन दिन से अंचल के अलग-अलग क्षेत्रों में हो रही बारिश ने किसानों को कमर तोड़ दी है। हालात यह है कि पानी भरे खेतों में फसल कटी पड़ी है, किसान उठा नहीं पा रहे हैं, कहीं फलियों में सडऩ तो कहीं अंकुरण होने लगा है। किसानों के साथ संगठन और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रशासन से सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजे देने की मांग की है। रात्रि में 6 घंटा बिजली रही गुल मेवासा. लगातार बारिश का सिलसिला जारी है,
बारिश बनी आफत, सड़ रही सोयाबीन
सुखेड़ा. बारिश ने किसानों को कमर तोड़ कर रखी दी है, खेतों में सोयाबीन की फसल कटाई के साथ निकाली भी जा रही है, लेकिन तीन-चार दिन से रुक रुक कर हो रही आफ़त की बारिश ने नाक में दम कर दिया है। किसानों का कहना है कि 450-500 रुपये प्रति मजदूरी देकर सोयाबीन कटाई जा रही है, किन्तु बारिश के कारण खेतों से बाहर नहीं निकाल पा रहे हैं, जिससे गलन की स्थिति बन गई है। तीन-चार दिन यह स्थिति रहीं तो काफी नुकसान होने का अनुमान है।
बिच्छु डंक के बड़े मरीज
विगत तीन चार दिन से हो रही आफ़त की बारिश के कारण कटीं हुईं सोयाबीन फसल में बिच्छु पनपने लग हैं। सोयाबीन के ढेर उठाने समय ये जहरीले बिच्छु डंक मारने लगे हैं। डॉ. आर सी वर्मा ने बताया कि विगत दिन चार दिन में बिछु डंक लगे तीन मरीज़ आए थे। सोयाबीन के ढेर उठाते समय ध्यान रखें।