
Ratlam Diesel shed improved electric engine for the first time
रतलाम। Ratlam Diesel Shed Improved Electric Engine: करीब 50 वर्ष से अधिक पूर्व ISO-9001 अवॉर्ड प्राप्त डीजलशेड ने पहला इलेक्ट्रिक इंजन सुधारने का काम किया है। इसके लिए कर्मचारियों के छह बैच का प्रशिक्षण दिया गया, ये कर्मचारी अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे। फिलहाल प्रशिक्षित कर्मचारियों की टीम ने पहला इलेक्ट्रिक इंजन सुधार कर तैयार कर दिया है । इसकी रवानगी के लिए जीएम का इंतजार किया जा रहा है। वे ही इस इंजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। बता दे कि इस एक इंजन के बाद करीब 10 इंजन और डीजलशेड को मिलना तय हो गए है। ये सभी इंजन बड़ोदरा से आएंगे। इसकी तैयारी भी हो गई है।
डीजल शेड ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक) लाइन डालने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। ये पहली बार होगा जब डीजल इंजन का रखरखाव करने वाले कर्मचारियों को बिजली के इंजन का मैटेंनेस कराया गया है। शेड को बिजली से चलने वाला एक इंजन ( वलसाड से ) मिला था। इसके सुधार के बाद पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक एके गुप्ता इंजन को रवाना करेंगे। इस एक इंजन के बाद करीब 10 इंजन और डीजलशेड को मिलना तय हो गए है। ये सभी इंजन बड़ोदरा से आएंगे। इसकी तैयारी भी हो गई है।
पांच टीमों को प्रशिक्षण
बिजली इंजन के मेंटेनेंस करने के लिए छह टीमों का गठन किया गया। इस प्रत्येक टीम में 10 सदस्य रखे गए। पांच टीम बड़ोदरा में प्रशिक्षण लेकर आ चुकी है व अंतिम टीम का प्रशिक्षण चल रहा है। ये कर्मचारी अब शेड के शेष 550 कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे। पहले दल ने बड़ोदरा से आकर 9 अगस्त को मिले इंजन को 19 अगस्त को मेंटेनेंस करना शुरू किया व 22 अगस्त तक मैंटेनेंस कर दिया। मंडल के वरिष्ठ डीजल इंजीनियर विनोद कुमार, मंडल डीजल इंजीनियर विवेक कुमार, मैकेनिकल एसएसई प्रमुख शैलेंद्र कुमार, वरिष्ठ विद्युत अनुरक्षक अरविंद भट्ट सहित अन्य ने प्रमुख रुप से मेहनत की।
नियमित होगा काम
पहला इलेक्ट्रिक इंजन तैयार हो गया है। जल्दी ही मंडल मुख्यालय पर इलेक्ट्रिक इंजन के रखरखाव के शेड का कार्य नियमित हो जाएगा।
- आरएन सुनकर, डीआरएम
Published on:
30 Aug 2019 11:30 am
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