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Shree krishna janmashtami 2019: इस तारीख को है जन्माष्टमी, यह है पूजा का शुभ मुहूर्त

locationरतलामPublished: Aug 19, 2019 12:59:46 pm

Submitted by:

Ashish Pathak

Shree krishna janmashtami 2019 – विशेष समय की गई पूजा से कई सहस्त्र फल मिलता है।

Krishna Janmashtami 2019

Krishna Janmashtami 2019 : तो इस वजह से भगवान श्रीकृष्ण ने शनिदेव को गोकुल नहीं आने दिया था

रतलाम। Shree krishna janmashtami 2019: भारतीय हिंदू पंचाग के अनुसार भगवाल श्री कृष्ण की जन्माष्टमी या कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार आगामी 24 अगस्त 2019 को मनाया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार मानते है। अष्टमी की रात १२ बजते ही श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव शुरू हो जाता है। भगवान की पूजा वैसे तो दिनभर होती है, लेकिन इसके लिए शुभ मुहूर्त भी है। विशेष समय की गई पूजा से कई सहस्त्र फल मिलता है। ये बात रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने कही। वे भक्तों को श्रीकृष्ण जन्म अष्टमी की पूजा का मुहूर्त के बारे में बता रहे थे।
ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मअष्टमी यह हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। कहा जाता है कि इस दिन सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्‍णु ने श्रीकृष्‍ण के रूप में आठवां अवतार लिया था। ये मान्यता भी है कि कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के समय किए गए अनुष्ठान एकादशी व्रत के दौरान किए गए अनुष्ठानों के समान हैं। इसलिए इस दिन जो पूजा की जाती है व कई गुना फल देती है। इस दिन पीले वस्त्र पहनकर भगवान को प्रसन्न किया जाता है। इसके अलावा माखन मिश्री का प्रसाद का महत्व है। इतना ही नहीं, इसदिन मोहिनी मंत्र की सिद्धि भी की जाती है। रात में भगवान की तस्वीर या मुर्ति के सामने मोहिनी मंत्र का एक हजार आठ बार जप करने से लाभ होता है। मंत्र जप के बाद दशांश हवन आदि किया जाता है।
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषी वीरेंद्र रावल के अनुसार अष्टमी तिथि- 24 अगस्त की रात 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 46 तक रहेगी। इस दौरान भगवान की पूजा से अनेक गुना फल मिलेगा।
इस तरह भक्त रखें व्रत

ज्योतिषी वीरेंद्र रावल के अनुसार जन्‍माष्‍टमी के दिन सुबह स्‍नान करने के बाद भक्‍त व्रत का संकल्‍प लेते हुए अगले दिन रोहिणी नक्षत्र और अष्‍टमी तिथि के समाप्त होने के बाद पारण यानी कि व्रत खोल सकते हैं। भगवान श्री कृष्‍ण की पूजा मध्य रात को की जाती है। इसलिए इसका अधिक महत्व है। इसके अलावा भगवान का प्रसाद आदि वितरण करने से भी
लाभ होता है।
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