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अच्छे दामों से मंडी में सफेद सोने की बहार, बंपर आवक के बीच अब घटे दाम

मंदसौर मंडी में साढ़े 25 हजार कट्टे लहसुन की हुई नीलामी इतनी ही लहसुन की उपज लिए बाहर खड़े किसान

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अच्छे दामों से मंडी में सफेद सोने की बहार, बंपर आवक के बीच अब घटे दाम

अच्छे दामों से मंडी में सफेद सोने की बहार, बंपर आवक के बीच अब घटे दाम

मंदसौर. शहर सहित जिले की अन्य मंडियों में इन दिनों सफेद सोना कही जाने वाली लहसुन की बंपर आवक हो रही है। सफेद सोने की बाहर से मंडी प्रांगण में दमक रहा है। पिछले माह से लहसुन के दामों में उछाल आया तो आवक भी बढ़ गई। ऐसे में मंदसौर कृषि उपज मंडी का प्रांगण पर लहसुन की सफेद चादर बिछी हुई नजर आ रही है। मंदसौर के अलावा दलोदा व पिपलिया में भी मंडियों में लहसुन की बंपर आवक हो रही है। लेकिन बढ़ती आवक के बीच अब दामों में गिरावट भी आई है। शहर की मंडी में जितनी लहसुन का नीलाम हो रहा है उससे भी अधिक लहसुन लिए किसानों के वाहन मंडी के बाहर कतारों में खड़े है।


साढ़े 25 हजार कट्टों की आवक
मंडी में नई लहसुन की आवक होने के साथ दामों में भी उछाल आया तो बंपर आवक का दौर शुरु हो गया। रबी की फसलों का सीजन आने से पहले लहसुन लेकर किसान मंडी में पहुंच रहे है। कई दिनों से लगातार आवक बढ़ती जा रही है। गुरुवार को भी मंडी में 25 हजार 500 से अधिक कट्टों की आवक हुई। ऐसे में पूरा मंडी प्रांगण वर्तमान में हर दिन लहसुन से पटा हुआ नजर आ रहा है, लेकिन आवक बढऩे के साथ अब दामों में गिरावट दर्ज की जा रही है। 30 हजार से अधिक तक पहुंचे दाम अब 21 से 22 हजार तक ही रह गए है। गुरुवार को मंडी में लहसुन 8500-21800 रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल के दाम से नीलाम हुई।


दो से चार दिन करना पड़ रहा इंतजार
लहसुन लेकर मंडी पहुंच रहे किसानों को लहसुन की नीलामी के लिए दो से चार दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। दामों में उछाल आया तो जिले के साथ ही समीप के राज्यों से लेकर आसपास के जिलों से भी किसान लहसुन लेकर पहुंचने लगे। लहसुन उत्पादित जिला होने के कारण अधिक किसान लहसुन लेकर ही आ रहे है। गुरुवार को भी मंडी के बाहर 700 से अधिक वाहन कतारों में लहसुन लेकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आए तो डेढ़ किमी तक लोङ्क्षडग वाहनों की लाइनें लगी रही। जिन्हें रात में प्रवेश दिया गया। रात में ही अगले दिन के लिए मंडी का प्रांगण लहसुन से खचाखच भर रहा है ऐसे में अगले दिन सुबह आने वाले को फिर दो दिनों का इंतजार बाहर ही करना पड़ रहा है।