गलती का एहसह होना है जरूरी जब तक गलती का एहसास नहीं होता, दूरियां खत्म करना मुश्किल होता है। अगर गलती आपकी है तो उसके लिए अपने को दोष न दें, बल्कि दूसरे को उससे कितना कष्ट हुआ होगा, उसे महसूस करने का प्रयास करें। जब गलती का एहसास होगा, तभी उसे ठीक करने के लिए दिल से प्रयास कर पाएंगे।
माफी मांगने के लिए मजबुर न करें। अगर गलती सामनेवाले की है तो उसे अपने सामने झुकाने पर आमादा न हों, बल्कि उसे मन से माफ कर बड़प्पन का परिचय दें। माफी मंगवाने की जिद पर अड़े रहने से बात संभलने के बजाय और बिगड़ सकती है।
दो तरफा कोशिश है जरुरी हमेशा रिश्ते में दो तरफा कोशिश होनी चाहिए । दोनों पक्षों को बैठकर अपने बीच के मतभेद को खत्म करना चाहिए । साथ वक्त बिताना चाहिए। एवं एक नई शुरुआत की पहल दोनों तरफ से होनी चाहिए।
दिल से मांगे माफ़ी कई बार दो लोग आपस में अपनी-अपनी बात पर अड़े रहते हैं, यहां तक कि गलती साबित होने पर भी माफी मांगने से पीछे हटते हैं। ध्यान रखें, कि रिश्ते को सुधारने के लिए अगर गलती मान भी ली, तो आप छोटे नहीं हो जाएंगे।