
नीम करौली बाबा के चमत्कार
Miracle Of Neem Karoli Baba: नीम करौली बाबा के चमत्कार की यह कहानी प्रयागराज और उन दिनों से जुड़ी है, जब रक्षामंत्री कैलाशनाथ काटजू थे। प्रयागराज में हर साल मानसून सीजन में गंगा और यमुना में बाढ़ आती है। आमतौर पर गंगा में बाढ़ का यह पानी संगम तट पर अकबर के किले के पास स्थित लेटे हनुमानजी के मंदिर (बड़े हनुमान मंदिर) तक जाता है और बाद में पानी उतरने लगता है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि गंगाजी रुद्रावतार हनुमानजी का चरण स्पर्श करने आती हैं और फिर लौट जाती हैं। लेकिन इस साल बाढ़ की स्थिति भयावह थी। प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर काफी ऊंचा था।
हाल यह था कि अगस्त के महीने में धाराओं का वेग बहुत तेज था और मानसूनी बाढ़ का पानी किले में घुस गया था। इसके कारण किले के कुछ पत्थर टूटकर बह गए थे। प्रयागराज के प्रसिद्ध बड़े हनुमान मंदिर समेत आसपास के पूरे इलाके में बाढ़ का पानी भर गया था। इससे हनुमान मंदिर को नुकसान पहुंचने का खतरा पैदा हो गया था, जिससे कि मंदिर के पुजारी और बड़े हनुमानजी के भक्त चिंतित थे। इस बीच रक्षामंत्री कैलाशनाथ काटजू कैलाशनाथ काटजू अपने स्टाफ के साथ बाढ़ का जायजा लेने पहुंचे। काटजू धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे, जब वो प्रयागराज पहुंचे तो मंदिर के कुछ पुजारी वहां पहुंचे और मंदिर को बचाने की गुहार लगाई।
पुजारियों ने रक्षामंत्री को बताया कि हर साल मानसून के दौरान हनुमानजी पानी में डूब जाते हैं (मान्यता है कि गंगाजी उनका अभिषेक करती हैं) और पानी उतरते ही बाहर आ जाते हैं। लेकिन इस बार की बाढ़ खतरनाक है, यहां के कुछ सदियों पुराने पीपल और बरगद के पेड़ बाढ़ में बह गए हैं। इससे बड़े हनुमानजी के लिए भी गंभीर खतरा पैदा हो गया है। रक्षामंत्री ने सहानुभूति जताई, साथ ही हनुमानजी की मूर्ति को बचाने में भी अपनी असमर्थता जता दी।
रक्षामंत्री ने कहा कि हनुमानजी की मूर्ति को बचाना उनके बस की बात नहीं है, हनुमानजी ही खुद को बचा सकते हैं। साथ ही सलाह दी कि उन्हें इस संबंध में नीम करोली बाबा की मदद लेनी चाहिए, जो हनुमानजी का अवतार माने जाते हैं। बाबाजी के हनुमानजी का अवतार होने के बारे में डॉ. काटजू ने जो कहा, उस पर कितने लोग विश्वास करते थे, यह न तो ज्ञात है और न ही यह जानना आवश्यक है। लेकिन वो मंदिर और बड़े हनुमानजी को बचाने के लिए कुछ भी कोशिश कर सकते थे। चूंकि यह सलाह बुद्धिमान और सम्मानित व्यक्ति की ओर से आई थी, इसलिए कई लोग नीम करोली बाबा का ध्यान करने लगे। कुछ समय बाद वे रुक गए और सफलता की अधिक आशा न होने से जाने लगे।
इस बीच एक जीप आई, लेकिन लोगों ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इधर जीप से उतरकर एक शख्स उधर आने लगा तो कुछ लोग पहचान गए और शोर मचाने लगे कि नीम करोली बाबा आ गए और आसपास के लोग दौड़कर उनके पास पहुंचे और पूरी समस्या बताई। साथ ही हनुमानजी को बचाने की प्रार्थना करने लगे। इस पर नीम करोली बाबा ने कहा कि वे इसमें क्या कर सकते हैं, सिर्फ हनुमानजी ही आपकी मदद कर सकते हैं, इसलिए आप उनसे ही प्रार्थना करिए। लेकिन नीब करौरी बाबा ने बाढ़ के पानी की कुछ बूंदें हथेली में उठाईं और उसे पीया, फिर जीप में बैठे और चल दिए।
इसके बाद दूसरे लोग भी लौटने लगे, जो रूके थे वे भी दुखी और निराश थे उन्हें यकीन नहीं था कि बाबा के आने का कुछ फायदा होगा। लेकिन उसी रात से पानी उतरने लगा और दो दिन के भीतर हनुमान मंदिर को नुकसान पहुंचने का खतरा खत्म हो गया था। इस पर कुछ लोगों को भरोसा हो गया कि यह चमत्कार बाबा ने किया, लेकिन कुछ लोग अभी भी ऐसा नहीं मानते थे, उन्हें लगता था यह अपने आप हुआ है पर बाबा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था।
Updated on:
16 Feb 2024 04:56 pm
Published on:
16 Feb 2024 04:49 pm
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