किलोल पार्क स्थित जगदीश स्वामी मंदिर में सुबह पूजा अर्चना की गई, इसके बाद भगवान को गर्भगृह से निकालकर रथ पर विराजमान किया गया। फूलों से सजे रथ पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के काष्ट के विग्रह विराजमान थे। इस मौके पर मंदिर परिसर में साधु संतों और श्रद्धालुओं ने भक्तिमय नृत्य किया। मंदिर से जुड़े आचार्य गंगाप्रसाद शास्त्री ने बताया कि मंदिर के आसपास भ्रमण करने के बाद रात्रि में मंदिर परिसर स्थित हनुमान मंदिर में ही भगवान को विराजमान किया गया, जहां से मंगलवार को भगवान को गाजे-बाजे के साथ मूल आसन पर विराजमान किया जाएगा। इस मौके पर महंत जगदीशदास, कैलाशदास पंडाबाबा सहित अनेक साधु संत उपस्थित थे।
कोलार रोड स्थित कान्हा कुंज से भी जगन्नाथ रथयात्रा इस बार सांकेतिक रूप से निकाली गई। इस मौके पर भगवान की विशेष पूजा अर्चना की गई। शिव कालिका जगन्नाथ मंदिर के आचार्य ध्रुवनारायण शास्त्री ने बताया कि प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिली है। इसलिए मंदिर परिसर के आसपास ही रथयात्रा निकालकर परम्परा का निर्वाह किया गया।
बांके बिहारी मार्कंडेय मंदिर में भी रथयात्रा महोत्सव का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस मौके पर दोपहर 12 बजे भगवान के दर्शन व आरती हुई। दाल, भात, बाटी, मालपुआ, जलेबी, रेवड़ी का भोग लगाया गया। इसके बाद हरे रामा, हरे कृष्णा का संकीर्तन हुआ।