शनिवार का व्रत: कहते हैं शनिवार के दिन व्रत करने से शनि ग्रह का दोष समाप्त हो जाता है। शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या से छुटकारा मिल जाता है। जीवन में सुख-समृद्धि आती है। व्रत रखने वाले लोगों को सच्चे मन से शनि देव की अराधना करनी चाहिए। पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करना चाहिए। लोहे से बनी शनि देव की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। शनि देव की कथा सुननी चाहिए।
छाया दान करें: जिन लोगों पर शनि की दशा चल रही होती है उन्हें जीवन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन अपनी छाया दान करनी चाहिए। इसके लिए एक कटोरी लें उसमें सरसों का तेल लें और अपना चेहरा उसमें देखकर उस तेल को शनि दान लेने वाले को दान कर दें।
शनि चालीसा पढ़ें: शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करना बेहद फलदायी माना जाता है। इसके लिए सबसे पहले किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव की प्रतिमा के समक्ष सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं। फिर मंदिर में बैठकर शनि चालीसा का पाठ करें।
सुंदरकांड या बजरंगबाण पढ़ें: कहते हैं भगवान हनुमान की पूजा करने से शनि ग्रह परेशान नहीं करता। शनिवार का दिन शनि देव के साथ-साथ भगवान हनुमान का भी माना जाता है। इस दिन सुंदरकांड या बजरंगबाण का पाठ करने से हनुमान भगवान तो प्रसन्न होते ही हैं साथ ही शनि दोषों से भी छुटकारा मिल जाता है।