
मान्यता: स्कंद पुराण के इन 3 नियमों का करें पालन, जीवन में सुख-समृद्धि में नहीं होगी कभी कमी
कार्तिकेय यानी स्कंद द्वारा भगवान भोलेनाथ की महिमा का वर्णन करने के कारण इस पुराण का नाम स्कंद पुराण रखा पड़ा। साथ ही इस पुराण में विभिन्न तीर्थों की पूजा-पद्धति का भी जिक्र किया गया है। विवरण की दृष्टि से इसे सबसे बड़ा पुराण माना जाता है। वहीं स्कंद पुराण के भाग में तुलसी की महिमा को भी बताया गया है। इस पुराण में कई ऐसी नियम बताए गए हैं जिनसे आमतौर पर लोग अनजान होते हैं। और इन्हीं बातों से अनजान होने के कारण लोग कई बार ऐसी भूल कर बैठते हैं जो उनके जीवन में समस्याओं का कारण बन सकती है। तो आइए जानते हैं स्कंद पुराण की वे कौन सी 3 बातें हैं जिनका पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि होने की मान्यता है...
1. स्कंद पुराण और शास्त्रों में तुलसी को बहुत ही पवित्र और पूजनीय पौधा माना गया है जिस घर में तुलसी का पौधा लगा होता है और जल अर्पण के साथ ही तुलसी की नियमित पूजा होती है, इस परिवार के सदस्यों को यमदूत की यातनाओं का भय नहीं होता और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. भगवान की पूजा में कभी भी सूखे पुराने फूल और बासी जल का प्रयोग नहीं किया जाता। लेकिन स्कंद पुराण के अनुसार तुलसीदल और गंगाजल कभी भी बासी नहीं होते। यह दोनों चीजें हमेशा ही पवित्र मानी जाती हैं। इसलिए इन्हें पुराना समझ का फेंका नहीं जाता।
3. स्कंद पुराण में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि कितने भी पापी और अपराधी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात यदि उसके शरीर के ऊपर तुलसी की सुखी लकड़ियां बिछाकर उनसे अग्नि शुरू की जाए तो ऐसे व्यक्ति को यमदूत का भय नहीं होता और उसकी दुर्गति से भी रक्षा होती है।
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Updated on:
08 May 2022 04:08 pm
Published on:
08 May 2022 04:07 pm
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