जिसके अनुसार इस साल यानि 2021 के अंत तक सरकार की ओर से कुछ नए कानून व बिल आने की बड़ी संभावनाएं हैं। वहीं इस साल यानि 2021 को उन्होंने धरना प्रदर्शनों का भी साल बताया है, लेकिन इसके बाद 2022 को कुछ संकटो से भरा लेकिन तकरीबन धरना मुक्त देश रहने की बात भी कही है।
भारत देश के भविष्य को लेकर ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा, वीडी श्रीवास्तव, डीके शास्त्री व जीडी दीक्षित का कहना है कि हमारे देश भारत की कुंडली वृषभ लग्न की कुंडली है, जिस पर राहु विराजमान है। जो कि वृषभ यानि शुक्र (दैत्य गुरु) की राशि में स्थित है।
लग्न में राहु के फल…
उनके अनुसार राहु की ये स्थिति उसे मदमस्त बना देती है, लेकिन राहु की ये खास बात है कि वह जहां बैठता है उस स्थान को संभाल कर चलता है। लेकिन राहु उससे जुड़े लोगों को शनि के गुण भी दे देता है। जो इस प्रकार हैं, ये आलसी, प्रपंची बनाने के साथ ही मदमस्त रहना, नशा जैसे अवगुण भी देता है, चुंकि राहु भारत की कुंडली में ऐसा है तो ये प्रवृत्ति ये यहां के कई देशवासियों को देता दिखता भी है।
भारत की कुंडली: ऐसे समझें
दरअसल भारत की कुंडली के सभी 9 ग्रह केवल 5 भावों में ही विराजमान हैं। इस वृषभ लग्न की कुंडली में राहु लग्न में ही विराजमान है। जबकि मंगल द्वितीय भाव में हैं। इसके अलावा तीसरे घर में चंद्र, शुक्र, बुध, शनि व सूर्य है। वहीं छठे भाव में गुरु और सातवें भाव में केतु विराजमान हैं।
ऐसे में चूंकि सारे ग्रह राहु व केतु के बीचों बीच स्थिति हैं ऐसे में कालसर्प योग बना हुआ है। लेकिन इसमें सबसे खास काफी हद तक यही कालसर्प योग है, दरअसल कई जानकारों के अनुसार जहां कालसर्प योग काफी कठिनाई देता है, यहीं ये इस योग से जुड़े व्यक्ति को कभी संतुष्ट नहीं होने देता और लगातार आगे बढ़ने के लिए अपना प्रभाव देता रहता है।
वहीं ये भी माना जाता है कि यदि कुंडली में शुक्र बेहतर हो तो कालसर्प योग अत्यंत अच्छा प्रभाव देता है। लेकिन चंद्र से शुक्र के संबंध अच्छे नहीं माने जाते और यहां चंद्र की राशि यानि कर्क में ही शुक्र हैं।
जहां तक देश की तरक्की की बात की जाए तो नवमांश कुंडली व ग्रहों के गोचर ने हमें सबसे ज्यादा तरक्की में मदद की है।
2021 में खास…
इस साल खेती अच्छी रहेगी। तकरीबन सितंबर अक्टूबर से स्कूल व कॉलेज पूरी तरह से खुल सकते हैं, इस दौरान बच्चों को पूरी सुरक्षा के साथ यहां आ सकेंगे।
पड़ोसी देशों से हमारे संबंध खराब होंगे, अभी कुछ समय ठीक होने से कुछ मामले सुलझते दिख रहे हैं, लेकिन स्थितियां लगातार बिगड़ने की ओर भी ग्रहों की चाल इशारा करती दिख रही है।
भारत की कुंडली के हिसाब से साल 2021….
साल 2021 में हम 2020 से अच्छी स्थिति में आएंगे। आर्थिक दृष्टि से भी सिथतियां बेहतर होती हुई दिख रही हैं।
सबसे खास : 2021 की स्थिति और 2022 की संभावना…
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार वर्तमान में अंग्रेजी कलेंडर के हिसाब से 31 दिसंबर 2020 की रात 12:00:01 बजे बनी भारत की कुंडली कन्या लग्न की रही है।
जहां 2020 का साल कोरोना की चपेट में रहा, वहीं यह कोरोना 2021 में भी रहेगा। ऐसे में को रोना की जो सबसे खास दवा आएगी वो 2021 के अंत तक या 2022 की शुरुआत में आने की ओर ग्रह संकेत देते दिख रहे हैं।
इसके अलावा 2021 में पूरे साल गुरु की महादशा में शनि का अंतर रहेगा। शनि और गुरु की ये युति किसी भी देश की कुंडली में एक परिवर्तन के दौर को बताती है। लेकिन, यहां शनि रोगकारक भी है, वहीं कुल मिलाकर ग्रहों के हिसाब से 2021 व 2022 का वर्ष भी काफी संकट से भरा रह सकता हैं।
यह सारी स्थितियां समय के साथ धीरे धीरे सुधरेंगी, वर्तमान में हम कोरोना काल से गुजर रहे हैं। वहीं इस समय शनि गुरु की युति के चलते इस साल यानि 2021 में देश में धरने प्रदर्शन की बाढ़ आती हुई भी दिख रही है। जो लगातार तकरीबन पूरे साल चलते रहेंगे, लेकिन ग्रहों की चाल ये स्पष्ट करती दिख रही है कि 2022 तक ये सभी लगभग पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे।
वहीं गुरु शनि की युति का यही समय यानि 2021-22 एक परिवर्तन का दौर साबित होता दिख रहा है। ये युति आबादी नियंत्रण की ओर भी इशारा करती दिख रही है।
2021 में कई परिवर्तन चलते रहेेगे, वहीं किसान आंदोलन कुछ समझौतों के साथ खत्म हो जाएगा। इसके बाद अभी काफी नए कानून व बिल भी आएंगे। वहीं 2022 व 2023 में शनि का कुंभ में गोचर देश में बहुत बड़े परिवर्तन लाएगा।
ग्रहों के संकेत 2022 व 2023 में एक नए नेता के उदय की ओर इशारा करते भी दिख रहे हैं। ये किसी नई भीड़ या रैली के समय सामने आ सकते हैं।
वर्तमान में देश में अभी चंद्र की महादशा है, जो 2025 तक रहेगी। 2021 के मुख्य गोचर में लग्न में राहु है, जबकि शनि व गुरु का गोचर नवम भाव यानि भारत की कुंडली के हिसाब से मकर में रहेगा। वहीं गुरु और शनि की युति से आने वाला परिवर्तन 2022 में साफ तौर से दिखाई देने की ओर भी ग्रहों के संकेत हैं।