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Halharini Amavasya 2022: 28 ya 29 जून, कब है आषाढ़ मास की अमावस्या? जानिए पूजा विधि और पितृ शांति के उपाय

हिंदू धर्म शास्त्रों में आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। विशेष तौर पर किसानों के लिए इस दिन का बहुत महत्व होता है। साथ ही मान्यता है कि हलहारिणी अमावस्या पर स्नान-दान और धर्म-कर्म के कार्यों से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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Halharini Amavasya 2022: 28 ya 29 जून, कब है आषाढ़ मास की अमावस्या? जानिए पूजा विधि और पितृ शांति के उपाय

Halharini Amavasya 2022 Date, Puja Vidhi And Upay: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि का एक खास होता है। वहीं आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि को स्नान-दान और धर्म-कर्म के कार्यों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि इस दिन पितृ तर्पण करने से जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं। किसानों द्वारा इस दिन कृषि उपकरणों का पूजन किया जाता है और साथ ही फसलों की बुवाई के लिए यह दिन खास होता है। तो आइए जानते हैं इस साल आषाढ़ मास में कब है हलहारिणी अमावस्या और साथ ही जानिए पूजा विधि तथा पितृ शांति के उपाय...

2022 में कब है हलहारिणी अमावस्या या आषाढ़ी अमावस्या?
इस वर्ष 2022 में आषाढ़ मास की अमावस्या यानी हलहारिणी अमावस्या 28 जून, मंगलवार को पड़ रही है। वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार 29 जून को स्नानदान की अमावस्या मनाई जाएगी।

आषाढ़ अमावस्या तिथि 2022
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 28 जून 2022 को प्रातः काल 5:52 बजे से होकर इसका समापन 29 जून 2022 सुबह 8:21 बजे होगा।

हलहारिणी अमावस्या पूजा विधि
माना जाता है कि आषाढ़ अमावस्या से ही चातुर्मास का प्रारंभ होता है। इसलिए मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या के शुभ दिन पितृ तर्पण करने या श्राद्धकर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हलहारिणी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विधान है लेकिन यदि संभव हो तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करके पितरों का तर्पण करें। साथ ही मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन फलाहार व्रत रखने और जरूरतमंदों को अनाज या वस्त्र दान करने वाले व्यक्ति को सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पितृ शांति उपाय- मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन श्राद्धकर्म करने अथवा पितृ तर्पण करने से आपको पितरों की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

आर्थिक तंगी दूर करने के लिए उपाय- शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद आटे की गोलियां बनाकर किसी तालाब में मछलियों को खिलाने से आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। इसके अलावा घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना भी शुभ माना गया है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

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