
सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज मनाई जाती है। इसे श्रावणी तीज या कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पत्नी रूप में पसंद किया था। यही कारण है कि मनपसंद वर की प्राप्ति के लिए कन्याएं हरियाली तीज का व्रत करती हैं। सुहागन महिलाओं के लिए तो यह व्रत बहुत शुभ माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि जो भी यह व्रत करता है उसे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने वाली कन्याओं, महिलाओं को भगवान शिव मनोवांछित फल का आशीर्वाद देते हैं। हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं श्रृंगार करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के मुताबिक इस पर्व में हरे रंग का विशेष महत्व है। यही कारण है कि इस दिन हरे कपड़े, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरी चूड़ी पहनने का रिवाज भी है। व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके हरियाली तीज की कथा सुनें। बाद में जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान दें। विवाह बंधन में बंधने के इच्छुक प्रेमी—प्रेमिका के लिए यह व्रत बहुत फलदायी है।
सौभाग्य और प्रेम का यह व्रत इस बार शिव योग में पड़ा है जोकि बहुत उत्तम माना जाता है। अपने प्रेम को प्राप्त करने के लिए इस दिन शिव पूजा जरूर करनी चाहिए। हरियाली तीज पर व्रत रखकर विधिविधान से शिवपूजन करें, शिवलिंग पर बिल्व पत्र अर्पित करें, जलाभिषेक करें। फिर ओमकार मंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप करें। ओमकार मंत्र का जितना ज्यादा जाप करेंगे उतना ही अधिक लाभ मिलेगा।
Published on:
11 Aug 2021 10:22 am
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