
खरमास 2024 कब खत्म होगा, जानने के लिए पढ़ें
हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य साल के दो महीनों में गुरु की राशि धनु और मीन में भ्रमण करते हैं। इसी समय को खरमास कहते हैं। मान्यता है कि इस समय सूर्य देव का तेज मद्धम पड़ जाता है, जो मंगल कार्यों के लिए शुभ नहीं हैं। इसलिए इस महीने में पूजा पाठ, अनुष्ठान के अलावा कोई मांगलिक कार्य नहीं करते हैं।
यह भी मान्यता है कि इस समय सूर्य देव गुरु की सेवा में रहते हैं, इस काम में विघ्न न पड़े। इसलिए इस समय मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए क्योंकि गुरु सेवा में विघ्न सूर्य नारायण को नाराज कर सकता है।
पंचांग के अनुसार सूर्य देव ने 14 मार्च को गुरु की राशि मीन में प्रवेश किया था, इसलिए इसी समय से खरमास लग गया और इसके बाद सारे मांगलिक कार्य जैसे मुंडन समेत सारे संस्कार, गृह प्रवेश, कोई भी नया काम जैसे व्यापार शुरू करना, संपत्ति खरीद बिक्री, शादी विवाह, बहू-बेटी का विदा आदि बंद हो गए थे।
विशेष रूप से ऐसे काम जिसमें हम देवताओं का आवाहन करते हैं उन पर रोक थी। इस समय सिर्फ पूजा-पाठ, अनुष्ठान, दान पुण्य, धार्मिक कार्य ही किए जाने ठीक माने जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इंसान के काम और जीवन में कोई विघ्न न आए।
पंचांग के अनुसार सूर्य देव 13 अप्रैल को दोपहर में गुरु बृहस्पति की राशि मीन से निकलकर मंगल की राशि मेष में प्रवेश कर लेंगे। इसी मेष संक्रांति 2024 (Mesha Sankranti 2024) के बाद से खरमास खत्म हो जाएगा। साथ ही वे सभी कार्य जिन पर रोक थी, वे शुरु हो जाएंगे। फिर चाहे मुंडन जैसे संस्कार हों या शादी विवाह, मकान दुकान की खरीद आदि।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार खरमास (Kharmas) की अवधि में दान-पुण्य करना चाहिए। इस समय अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन जरूर करना चाहिए। किसी व्यक्ति को वस्त्र या धन का दान करना चाहिए। पूजा-पाठ में ध्यान देना चाहिए।
(नोट-इस आलेख में दी गई जानकारियों पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं, www.patrika.com इसका दावा नहीं करता। इसको अपनाने से पहले और विस्तृत जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)
Published on:
07 Apr 2024 03:04 pm
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