Video से जानें पूर्व जन्म में आप क्या थे, जानने का क्या है तरीका?
ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एक भक्त के सवाल के जवाब में बताया कि भारतीय ग्रंथों में पूर्व जन्म में हम क्या थे, इसको जानने के तरीके बताए गए हैं। इसको कर्म अविपाक शास्त्र की रचना की गई है। इसमें उल्लेख है कि कौन सा कर्म करने से कौन सी योनि मिलती है, जिससे पता चलता है कि हमने पूर्व में कौन से कर्म किए थे और अब की जो योनि है वह किस कर्म का फल है तो आइये मार्कण्डेय पुराण के 15वें अध्याय के आधार पर जानते हैं कि पूर्व योनि में हम क्या थे और आज हम जो हैं वे हमारे किन कर्मों का फल है। उदाहरण के लिए जो मनुष्य दी हुई कन्या को फिर दूसरे को देता है, वह अगले जन्म में कृमि के रूप में जन्म लेता है।