
कुबेर के अमोघ मंत्र
संसार में बसे लोगों में से ज्यादातर धन के अभाव से पीड़ित होते हैं, ऐसे लोगों की समस्या का समाधान देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर के पास रहता है। आप भी आर्थिक समस्याओं से जकड़े हुए हैं तो कुबेर का अमोघ मंत्र इसका निदान कर सकता है और सिर्फ तीन महीने में आपका घर धन धान्य से भर जाएगा...तो जानिए क्या है आपकी किस्मत बदलने वाला अमोघ कुबेर मंत्र।
कुबेर देव का अमोष मंत्रः महर्षि योगी आश्रम प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार देवताओं के कोषाध्यक्ष श्री कुबेर धन धान्य और समृद्धि के भी स्वामी हैं। इसलिए उनकी कृपा से दरिद्र की दरिद्रता भी दूर हो जाती है। इसके लिए धर्म ग्रंथों में इनके 35 अक्षरी मंत्र का वर्णन है।
1. ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये।
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।
आचार्य पाण्डेय के अनुसार यह मंत्र कुबेर का अमोघ मंत्र है। यह मंत्र कुबेरजी का प्रिय मंत्र है। मान्यता है कि तीन महीने तक रोज 108 बार यह मंत्र जपने वाले व्यक्ति के घर किसी प्रकार के धन धान्य की कमी नहीं रहती है। यह मंत्र सभी प्रकार की सिद्धियां भी प्रदान करता है। यदि बेल के वृक्ष के नीचे बैठकर एक लाख बार इस मंत्र का जाप किया जाय तो धन धान्य रूप और समृद्धि सब प्राप्त होती है।
मंत्र जाप की विधि
1. इस मंत्र का जाप दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके 108 बार करें।
2. मंत्र का जाप करते समय धनलक्ष्मी कौड़ी को अपने पास जरूर रखें।
3. मान्यता है कि इस मंत्र को बेल के पेड़ के नीच बैठकर इसका 1 लाख बार जप करने से सभी आर्थिक परेशानियों दूर हो जाती हैं।
2. कुबेर धन प्राप्ति मंत्र
ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।
आचार्य पाण्डेय के अनुसार ऐसे जातक जिनका कामना धन प्राप्ति से संबंधित है, उन्हें कुबेरजी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके नियमित जाप से साधक को अचानक धन प्राप्त होता है।
3. कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र
ऊं ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः।।
आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार कुबेर और माता लक्ष्मी का यह संयुक्त मंत्र जीवन की सभी श्रेष्ठता को प्रदान करने वाला है। ये ऐश्वर्य, लक्ष्मी, दिव्यता, पद प्राप्ति, सुख सौभाग्य, व्यवसाय वृद्धि, अष्ट सिद्धि, नव निधि, आर्थिक विकास, संतान सुख, उत्तम स्वास्थ्य, आयु वृद्धि, समस्त भौतिक और परासुख प्रदान करने वाला मंत्र है। शुक्ल पक्ष में किसी भी शुक्रवार को इस मंत्र का जाप शुरू करना चाहिए। इन तीन में से किसी भी एक मंत्र का जप दस हजार होने पर दशांश हवन करना चाहिए या एक हजार मंत्र अधिक जपना चाहिए।
Updated on:
28 Aug 2023 07:53 pm
Published on:
28 Aug 2023 07:52 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म और अध्यात्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
