ज्योतिषाचार्य डॉ.हुकुमचंद जैन के मुताबिक माघ मास के गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से प्रारंभ होगी और यह 18 फरवरी तक रहेगी। गुप्त नवरात्रि को मंत्र साधकों के लिए विशेष माना जाता है। इस समय शक्ति की आराधना के लिए देवी मंदिरों में साफ-सफाई सहित विशेष तैयारियां शुरू हो गई हैं। कई मंदिरों में दस महाविद्याओं की आराधना, 9 दिन अखंड ज्योति जलाने और दुर्गा सप्तशती पाठ किए जाएंगे। इस समय सप्तशती का पाठ विशेष फलदायक होती है।
देवी दुर्गा के पाठ से रोग-शोक से मुक्ति
गुप्त नवरात्रि में बनने वाले सिद्धिदायी योग में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत कल्याणकारी होगा। नवरात्र में दुर्गा सप्तशती, देवी के विशिष्ट मंत्र का जाप, दुर्गा कवच, दुर्गा शतनाम का पाठ प्रतिदिन करने से रोग-शोक आदि का नाश होता है। व्यवसाय में वृद्धि, रोजगार, रोग निवारण आदि मनोकामनाओं के लिए इस नवरात्र में देवी की आराधना की जाती है।
ये हैं 10 महाविद्याएं
गुप्त नवरात्रि में जिन 10 महाविद्याओं की आराधना की जाती है उनमें काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला देवी हैं।
घट स्थापना शुभ मुहूर्त (ghat sthapana muhurt)
घटस्थापना शनिवार 10 फरवरी 2024 को सुबह 6 बजे से 11 बजे तक शुभ रहेगा। इस समय घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है। बाकी समय भी मध्यम शुभ रहेगा। मान्यतानुसार गुप्त नवरात्र के दौरान अन्य नवरात्रों की तरह ही पूजा करनी चाहिए। नौ दिनों के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिप्रदा यानि पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए।