
ज्योतिष: सुख-समृद्धि की कामना के लिए हवन में इन चीजों से आहुति देना माना जाता है बेहद शुभ
Havan Ahuti Samagri: जहां वैज्ञानिक दृष्टि से हवन की अग्नि और इसमें दी जाने वाली आहुति से वातावरण में फैले रोगाणुओं का नाश होता है और हवा शुद्ध होती है, वहीं वैदिक हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होम जिसे हवन भी कहा जाता है विशेष अवसरों पर किया जाने वाला एक अग्नि अनुष्ठान होता है। माना जाता है कि हवन की अग्नि से आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और जीवन में खुशहाली आती है।
इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हवन में आहुति के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री का भी विशेष महत्व होता है। विभिन्न ग्रंथों के अनुसार अलग-अलग कामनाओं की पूर्ति के लिए हवन में विभिन्न सामग्रियों द्वारा आहुति दी जाती है। तो आइए जानते हैं जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनाए रखने के लिए हवन में किन चीजों की आहुति देना शुभ होता है...
सुख-समृद्धि के लिए इन चीजों से दें आहुति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी विशेष इच्छा पूर्ति के लिए हवन किया जा रहा है तो उसके अनुसार ही वस्तुओं से आहुति दी जाती है। ऐसे में सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामनापूर्ति के लिए हवन की अग्नि में घी, फलों, शहद, तिल, लकड़ी और जौ आदि की आहुति देना शुभ माना जाता है।
ग्रहों की शांति के अनुसार लकड़ी की आहुति
यदि मैं ग्रहों की शांति के लिए हवन किया जा रहा है तो उसके अनुसार अलग-अलग समिधा यानी लकड़ी का इस्तेमाल आहुति देने में किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रह की शांति के लिए मदार की लकड़ी, चंद्र ग्रह हेतु पलाश, मंगल के लिए खेर, बुध ग्रह की मजबूती हेतु चिड़चिड़ा, बृहस्पति ग्रह के लिए पीपल, शुक्र के लिए गूलर की लकड़ी, शनि ग्रह के लिए शमी, राहु के लिए दूर्वा और केतु के लिए कुशा की लकड़ी द्वारा हवन किया जाता है।
इस बात का रखें ख्याल: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ फलों की प्राप्ति के लिए हवन में सड़ी गली आहुति की सामग्री, घुन लगी हुई या शमशान में लगे पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल कभी भी नहीं करना चाहिए। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नदी तथा जंगल के किनारे पर लगे हुई पेड़ों की लकड़ियां हवन के लिए सर्वोत्तम मानी गई हैं।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)
यह भी पढ़ें: चाणक्य नीति: निरोगी काया पाने के लिए जरूर अपनाएं आचार्य चाणक्य की ये 3 बातें
Published on:
25 May 2022 12:01 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म और अध्यात्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
