
Pitru Paksha 15 September 2025| फोटो सोर्स – Gemini@Ai
Pitru Paksha 2025: 15 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास होने वाला है। इस दिन एक ओर पितृ पक्ष का नवमी श्राद्ध मनाया जाएगा, वहीं दूसरी ओर दो ऐसे योग बन रहे हैं जो श्राद्ध पक्ष को और भी विशेष बनाएंगे। 15 सितंबर को बुध और शुक्र की चाल बदलने वाली है, यानी महत्वपूर्ण ग्रह अपनी-अपनी राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन एक ही साथ धरती पर आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दोनों तरह का विशेष संयोग बनने जा रहा है। ऐसे में जानते हैं क्यों यह दिन कहलाएगा खास और किन-किन राशियों को मिलेगा इन अद्भुत ग्रह चालों का शुभ फल।
सोमवार, 15 सितंबर को ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति ऐसी बन रही है, जिसका सीधा असर सभी राशियों पर पड़ेगा। ज्योतिष के अनुसार, जब भी ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं तो उनके फल अलग-अलग राशियों को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूप में प्रभावित करते हैं। इस बार शुक्र और बुध दोनों का गोचर एक ही दिन होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
बुद्धि, वाणी और संवाद के स्वामी बुध भी इसी दिन राशि बदलेंगे। सुबह 10:58 बजे बुध अपनी स्वराशि कन्या में प्रवेश करेंगे। स्वराशि में होने के कारण बुध का प्रभाव और भी मजबूत रहेगा।
विशेष लाभ: धनु, मिथुन और कन्या राशि के जातकों के लिए यह गोचर बेहद शुभ माना जा रहा है। इन राशियों के लोगों की किस्मत चमक सकती है, नई नौकरी के अवसर, व्यापार में सफलता और बुद्धि से लाभ की संभावना है।
सामान्य फल: अन्य राशियों पर इसका प्रभाव सामान्य रहेगा, यानी न तो कोई बड़ी चुनौती होगी और न ही बहुत बड़ा लाभ।
प्रेम, ऐश्वर्य और सुख-संपन्नता के कारक शुक्र 15 सितंबर को कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। दोपहर 12:23 बजे शुक्र सिंह राशि में आएंगे और यहां सूर्य और केतु के साथ युति बनाएंगे।
शुभ प्रभाव: मेष, तुला और वृश्चिक राशि वालों के लिए यह गोचर शुभ अवसर, रिश्तों में मिठास और आर्थिक लाभ लेकर आएगा।
सावधानी की जरूरत: बाकी राशियों को इस अवधि में थोड़ी सतर्कता बरतनी होगी। कार्यक्षेत्र में चुनौतियां या निजी रिश्तों में तनाव संभव है।
15 सितंबर को पितृ पक्ष का नवमी श्राद्ध भी किया जाएगा। इसे विशेष रूप से मातृ नवमी कहा जाता है। इस दिन दिवंगत माताओं की स्मृति और मोक्ष के लिए श्राद्ध एवं तर्पण किए जाते हैं।जिनकी माताओं का देहांत हुआ है, वे इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक श्राद्ध करें।यह तिथि उन माताओं के श्राद्ध के लिए भी मान्य है, जिनकी मृत्यु किसी भी महीने की नवमी तिथि को हुई हो, या जिनकी सटीक मृत्यु तिथि ज्ञात न हो।धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से किया गया श्राद्ध पितरों को तृप्त करता है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।
Updated on:
12 Sept 2025 09:47 am
Published on:
11 Sept 2025 08:26 am
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