Rakshabandhan 2023: श्रीकृष्ण ने कैसे निभाया भाई का फर्ज, पांच कहानियों से जानें रक्षाबंधन का महत्व और परंपरा
भोपालPublished: Aug 26, 2023 12:07:18 pm
रक्षाबंधन त्योहार देश के बहुसंख्यक हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है, जिसमें भाई बहन की रक्षा का संकल्प भी लेता है। इस त्योहार को लेकर कई कहानियां भी हैं। महाभारत काल में भगवान कृष्ण के बहन द्रौपदी की लाज की रक्षा करने समते पांच कहानियों से आइये जानते हैं रक्षाबंधन का महत्व और परंपरा..


रक्षाबंधन की कहानियां
कब है रक्षाबंधन
रक्षाबंधन का त्योहार सावन पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस तिथि की शुरुआत 30 अगस्त 10.59 बजे से हो रही है और सावन पूर्णिमा का समापन 31 अगस्त को 7.05 बजे हो रहा है। लेकिन 30 अगस्त को ही भद्रा भी लग रहा है और भद्रा के समय मांगलिक कार्य नहीं करते और रक्षाबंधन भद्रा समाप्त होने के बाद रात में भी मनाया जा सकता है। इसलिए 30 अगस्त रात 9.02 बजे भद्रा खत्म होने के बाद से 31 अगस्त को सुबह 7.05 बजे तक रक्षाबंधन मनाया जा सकता है। इस तरह 30 और 31 अगस्त दोनों दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा।
आइये जानते हैं रक्षाबंधन की कहानियां