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Saptami Puja Muhurat,Shardiya Navratri 7th Day: सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की उपासना, जानें पूजा विधि, आरती, मंत्र और शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri 7th Day: मां कालरात्रि की पूजा से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति तथा समृद्धि आती है। अगर आप भी इस नवदुर्गा के इस दिव्य स्वरूप की आराधना करना चाहते हैं, तो इस लेख में जानिए सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की पूजा विधि से लेकर अन्य जानकारी ।

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भारत

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MEGHA ROY

Sep 28, 2025

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Auspicious time for Maa Kalratri Puja|फोटो सोर्स – Freepik

Shardiya Navratri 2025: Shardiya Navratri की सप्तमी तिथि खास महत्व रखती है क्योंकि इस दिन मां कालरात्रि की उपासना की जाती है, जो मां दुर्गा का एक प्रचंड और शक्तिशाली रूप है। मां कालरात्रि की पूजा से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति तथा समृद्धि आती है। अगर आप भी इस नवदुर्गा के इस दिव्य स्वरूप की आराधना करना चाहते हैं, तो इस लेख में जानिए सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की पूजा विधि, आरती, शक्तिशाली मंत्र और शुभ मुहूर्त की पूरी जानकारी ताकि आप इस पावन पर्व का सर्वोत्तम लाभ उठा सकें।

Navratri 2025: मां कालरात्रि की पूजा मुहूर्त


मां कालरात्रि की पूजा सुबह और शाम दोनों समय की जताई गई है। नवरात्रि के सातवें दिन का शुभ मुहूर्त सुबह से ही शुरू हो जाता है।


मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 4:37 AM से 5:25 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:47 AM से 12:35 PM
विजय मुहूर्त: 2:11 PM से 2:58 PM
गोधूलि मुहूर्त: 6:09 PM से 6:33 PM
अमृत काल: 11:15 PM से 1:01 AM (अगले दिन, 30 सितंबर)

पूजा के लिए मंत्र (Mata Kalratri Mantra)


ॐ कालरात्रि देव्ये नमः
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नमः
या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

Mata Kalratri ki Aarti : कालरात्रि की आरती


कालरात्रि जय जय महाकाली
काल के मुंह से बचाने वाली

दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा
महा चंडी तेरा अवतारा


पृथ्वी और आकाश पर सारा
महाकाली है तेरा पसारा

खंडा खप्पर रखने वाली
दुष्टों का लहू चखने वाली


कलकत्ता स्थान तुम्हारा
सब जगह देखूं तेरा नजारा


सभी देवता सब नर नारी
गावे स्तुति सभी तुम्हारी

रक्तदंता और अन्नपूर्णा
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना

ना कोई चिंता रहे ना बीमारी
ना कोई गम ना संकट भारी

उस पर कभी कष्ट ना आवे
महाकाली मां जिसे बचावे

तू भी 'भक्त' प्रेम से कह
कालरात्रि मां तेरी जय

मां का प्रिय भोग

मां कालरात्रि को गुड़ और चने का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, मां को शहद का भोग भी अर्पित किया जा सकता है। गुड़ और चने का भोग लगाने से शोक और कष्ट दूर होते हैं।

पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • मां कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं।
  • मां को रोली, कुमकुम, अक्षत, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद मां की आरती करें और दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।