
नई दिल्ली।हिंदू धर्म में भगवान शिवजी का अपना अलग ही महत्व है। इन्हें देवों के देव महादेव के नाम से भी जाना जाता है। भोलेनाथ बहुत जल्द ही संत़ुष्ट हो जाते है। वो अपने भक्तों को कभी भी खाली हाथ नहीं लौटाते है। वैसे तो हम सभी महादेव की पूजा करते है लेकिन कुछ मान्यताओं के अनुसार महादेव की पूजा करने लिए हर महीने में अलग-अलग शिवलिंगों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। श्रीलिंग पुराण नामक हिंदू धर्म से संबंधित एक ग्रंथ है जिसमें कि ऐसा कहा गया है,इससे आप और भी ज्य़ादा लाभान्वित होंगे और आपकी मनोकामना भी जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी।इससे आप और भी ज्य़ादा लाभान्वित होंगे क्योंकि ऐसा करने से महादेव जल्दी अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि किस महीने में किन शिवलिंग की आराधना करनी चाहिए...

श्रीलिंग पुराण के अनुसार वैशाख के महीने में हीरे से बनी हुई शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।

ज्येष्ठ माह में पन्ना रत्न से बनी हुई शिवलिंग की आराधना करनी चाहिए।

मोती से बने शिवलिंग की पूजा आषाढ़ माह में किया जाना चाहिए।

सावन के माह में नीलम से बनी हुई शिवलिंग की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।

श्रीलिंग पुराण के अनुसार पोखराज से बने शिवलिंग की पूजा भादौ महीने में करना शुभ है।

आश्विन माह में गोमेद से बने शिवलिंग की पूजा करना लाभदायक माना जाता है।

कार्तिक महीने में मूंगे से बनी शिवलिंग की पूजा करना अच्छा माना जाता है।

लहसूनिया से निर्मित शिवलिंग की पूजा अगहन मास में करना चाहिए।

श्रीलिंग पुराण के अनुसार नीले रंग के पोखराज से बनी हुई शिवलिंग की पूजा पौष के माह में करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

माघ मास में माणिक से बने शिवलिंग की पूजा करना चाहिए।

फागुन के माह में स्फटिक से बने शिवलिंग की पूजा करने से हर इच्छा पूरी होती है।