ज्योतिष में शनि का महत्व: सभी नौ ग्रहों में शनि की चाल सबसे धीमी मानी जाती है। शनि आयु, दुख, पीड़ा, रोग, तकनीकी, लोहा, कर्मचारी, जेल, सेवक, विज्ञान आदि के कारक माने जाते हैं। शनि की ढाई साल तक चलने वाली दशा को शनि ढैय्या कहते हैं तो साढ़े सात साल तक चलने वाली दशा को शनि साढ़े साती कहा जाता है। कुंडली में अगर शनि मजबूत स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति को खूब लाभ प्राप्त होता है वहीं अगर अशुभ स्थिति में में होते हैं तो कई कष्टों का सामना करना पड़ता है।
क्या शनि ग्रह से डरने की जरूरत है? समाज में शनि को लेकर कई नकारात्मक धारणाएं बनी हुई हैं। लोग इनके नाम से ही भयभीत होने लगते हैं। परंतु असल में शनि ऐसे नहीं हैं। ये तो लोगों को उन्हीं के कर्मों का फल देते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि उच्च स्थिति में होते हैं उसे रंक से राजा बना सकते हैं। ये तीनों लोगों के न्यायाधीश होते हैं। शनि ग्रह पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी होता है।
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।
शं योरभि स्त्रवन्तु न:।। शनि का तांत्रिक मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः।। शनि का बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
इन दो राशियों पर शनि रहते हैं मेहरबान:
मकर राशि: इस राशि के लोग मेहनती, समर्पित और वफादार होते हैं। इन्हें अनुशासन में रहना पसंद होता है। ये जो भी काम करके हैं उसमें शीर्ष पर पहुंचकर ही दम लेते हैं। ये कोई भी काम सावधानी से करते हैं। ये सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। ये किसी को उलझन को सुलझा लेते हैं। ये लक्ष्य को पाने के लिए दिन रात एक कर देते हैंओ। ये धैर्यवान, महत्वाकांक्षी, सहिष्णु और विश्वसनीय होते हैं। ये कोई भी काम चतुराई से करते हैं। निर्णय सोच समझकर लेते हैं।
कुंभ राशि: शनि देव की कृपा से इस राशि के लोग मेहनती, कर्मशील, ईमानदार और बुद्धिमान होते हैं। ये समाज की बेहतरी के लिए काफी कुछ करते हैं। ये अक्सर महान आविष्कारक या तकनीकी विशेषज्ञ साबित होते हैं। कुंभ राशि के लोग दिखने में आकर्षक होते हैं। कोई भी इनकी तरफ तुरंत ही खींचा चला आता है। ये हमेशा अपने ज्ञान के विस्तार में लगे रहते हैं। ये लोग जल्दी से अपनी राय नहीं बदलते हैं।Monsoon 2022: मानसून 2022 को लेकर ज्योतिषियों का अनुमान, इस दिन से शुरू हो सकती है बारिश