1. धार्मिक पुरूष: महात्मा विदुर के अनुसार पहला गुण है धार्मिकता। यानी धार्मिक पुरुष को जीवन में कितने ही दुखों का सामना करना पड़े लेकिन वह धर्म के मार्ग पर चलते हुए ही आगे बढ़ता है। ऐसे पुरुष के सामने कितनी भी मुश्किलें क्यों ना आ जाएं, वह कभी बुरे रास्ते पर नहीं चलता और सहनशीलता रखते हुए अपना धर्म निभाता है।
2. दानी पुरुष: दूसरा गुण है दानवीरता का। महात्मा विदुर कहते हैं कि जो पुरुष दानी होता है और जिस व्यक्ति के मन में दूसरों के प्रति उदारता का भाव होता है उसकी स्त्री सदा खुश रहती है। पुरुष का समाज में भी सब आदर करते हैं।
3. मेहनती पुरुष: तीसरा गुण है मेहनत का। विदुर नीति के अनुसार अपने दम पर मेहनत करके आगे बढ़ना वाला व्यक्ति अपने लक्ष्य को जरूर हासिल करता है। ऐसे लोगों को सफलता के साथ लोगों द्वारा प्रशंसा भी प्राप्त होती है। साथ ही ऐसे पुरुष की शादी जिस स्त्री से होती है वह भी जीवनभर बहुत खुश रहती है।
4. सत्य बोलने वाला: चौथा गुण है सच्चाई का। महात्मा विदुर द्वारा इसे भी एक दुर्लभ गुण बताया गया है जो हर किसी में नहीं पाया जाता। विदुर नीति के अनुसार ऐसा पुरुष जो हर परिस्थिति में सच्चाई का साथ देता है उसकी चर्चा तीनों लोकों में होती है। ऐसे पुरुष को पति के रूप में पाने वाली स्त्री का जीवन हमेशा खुशहाल रहता है।