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Vikat Sankashti Chaturthi: आज के दिन भूलकर भी न करें ये काम, गणेशजी हो जाएंगे नाराज

आज वैशाख कृष्ण चतुर्थी यानी विकट संकष्टी चतुर्थी (sankashti chaturthi) है। गणेशजी विघ्न नाशक हैं और पूजा कर उनको प्रसन्न करने से सभी विघ्न बाधाएं दूर होती हैं। इसलिए आज के दिन गणेशजी की पूजा अर्चना (ganeshji puja)कर उनको प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है। इसलिए आज के दिन भूलकर भी कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे गणेशजी नाराज हो जाएं।

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Pravin Pandey

Apr 09, 2023

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ganeshji ki puja niyam

Vikat Sankashti Chaturthi: विकट संकष्टी चतुर्थी आज नौ अप्रैल को है। मान्यता है कि इस दिन पूजा अर्चना, व्रत से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं और सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। गणेशजी भक्त की मनोकामना भी पूरी करते हैं। लेकिन आज के दिन कुछ सावधानियां भी रखनी चाहिए।


संकष्टी चतुर्थी नियम (Sankashti Chaturthi Niyam)
1. संकष्टी चतुर्थी के दिन साधकों को खास नियमों का ध्यान रखना चाहिए। गणेशजी की पूजा में तुलसी का पत्ता नहीं शामिल करना चाहिए।
2. व्रत के दिन या किसी और दिन भी पशु पक्षियों को न सताएं। इससे गणेशजी नाराज हो सकते हैं और आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। बल्कि इस दिन पशु, पक्षियों और बेजुबान जानवरों को दाना खिलाना चाहिए, भोजन देना चाहिए।


3. जमीन के अंदर होने वाली फल, सब्जी जैसे मूली, गाजर, फल और चुकंदर आदि न खाएं।
4. संकष्टी चतु र्थी के दिन काले कपड़े न पहनें और मांस-मदिरा आदि का सेवन न करें।


5. इस दिन जो लोग व्रत नहीं भी करते हैं, उन्हें भी बिना नमक के भोजन करना चाहिए।
6. इस दिन गणपति का ध्यान कर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है, लेकिन इसका ध्यान रहे कि अर्घ्य इस तरह दें कि इसके छींटे पैरों पर न पड़ें।

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Vikat Sankashti Chaturthi Mahatv: संकष्टी चतुर्थी को गणेशजी की पूजा से गणेशजी प्रसन्न होते हैं और पूजा करने वाले भक्त का हर संकट दूर करते हैं। उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं और सुख समृद्धि का वरदान देते हैं। इसलिए उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक लोग यह व्रत रखते हैं।


गणेशजी की शाम की पूजा का शुभ मुहूर्तः शाम 6.43 से 9.33 बजे तक
संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समयः रात 10.02 बजे

संकष्टी चतुर्थी के विशेष मंत्र (Ganesh Mantra): संकष्टी चतुर्थी के दिन इन विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए।


1. ऊँ सुमुखाय नमः।
2. ऊँ दुर्मुखाय नमः।
3. ऊँ मोदाय नमः।


4. ऊँ प्रमोदाय नमः।
5. ऊँ अविघ्नाय नमः।
6. ऊँ विघ्नकरत्र्येय नमः।