
नई दिल्ली। रामायण में दी गई एक कथा के अनुसार एक बार जगत माता जानकी जी अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थीं। उसी समय हनुमान जी किस कार्य से वहां आ गए और सीता जी को सिंदूर लगाते देखकर बोले, 'माता जी यह लाल द्रव्य जो आप मस्तक पर लगा रही हैं, यह क्या है और इसके लगाने से क्या होता है? और मैं ये देख पा रहा हूं आप इसे लगाकर कितनी प्रसन्न दिख रही हैं, आपको इसे लगाने में क्या सुख मिल रहा है'? आपको बता दें शास्त्रों के अनुसार सुहागन स्त्री मांग में सिंदूर लगाती है तो उसके पति की आयु में वृद्धि होती है और वह हमेशा स्वस्थ रहते हैं।
श्रीरामचरित मानस के अनुसार एक बार हनुमानजी ने माता सीता को मांग में सिंदूर लगाते हुए देखा। तब उनके मन में जिज्ञासा जागी कि माता मांग में सिंदूर क्यों लगाती हैं? यह सवाल उन्होंने माता सीता से पूछा। इसके जवाब में सीता ने कहा कि वे अपने स्वामी, पति श्रीराम की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं। सीता जी ने बताया सुहागन स्त्री मांग में सिंदूर लगाती है तो उसके पति की आयु में वृद्धि होती है और वह हमेशा स्वस्थ रहते हैं। माता सीता का उत्तर सुनकर हनुमानजी ने सोचा कि जब थोड़ा सा सिंदूर लगाने का इतना लाभ है तो अगर वे पूरे शरीर पर सिंदूर लगाएंगे। इससे उनके स्वामी श्रीराम हमेशा के लिए अमर हो जाएंगे। यही सोचकर उन्होंने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाना शुरू कर दिया। हनुमान जी पूरे शरीर पर सिंदूर पोतकर श्री राम के सामने सभा में प्रस्तुत हो गए। हनुमान जी का प्रेम देखकर श्री राम बहुत प्रसन्न हुए। अपने आराध्य को प्रसन्न देखकर हनुमान जी को सीता जी की बातों पर अटूट विश्वास हो गया। बस तभी से बजरंग बली को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
वैसे तो सभी के जीवन में समस्याएं सदैव बनी रहती हैं लेकिन यदि किसी व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक परेशानियां उत्पन्न हो गई है और उसे कोई रास्ता नहीं मिल रहा हो तब हनुमानजी की सच्ची भक्ति से उसके सारे बिगड़े कार्य बन जाते हैं। दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाएगा। प्रतिदिन हनुमान के चरणों का सिंदूर अपने सिर या मस्तक पर लगाने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और मस्तिष्क में सकारात्मक विचार आते हैं। और साथ ही साथ जीवन की परेशानियां से लड़ने में हिम्मत मिलती है।
Published on:
09 Jan 2018 08:33 am
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