scriptकल 16 मई को मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व से जुड़ी हर जानकारी | Buddha Purnima 2022 Date, Auspicious Time, Puja Vidhi And Significance | Patrika News

कल 16 मई को मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व से जुड़ी हर जानकारी

locationनई दिल्लीPublished: May 15, 2022 12:59:59 pm

Submitted by:

Tanya Paliwal

Buddha Purnima 2022: इस वर्ष कल यानी 16 मई 2022, सोमवार के दिन बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन वैशाख पूर्णिमा और साल का पहला चंद्र ग्रहण भी है। इन सभी संयोगों के कारण इस दिन का धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है।

buddha purnima 2022 date and time, vaishakh purnima 2022 shubh muhurat, puja vidhi, पीपल पूर्णिमा 2022, बुद्ध पूर्णिमा का इतिहास, बुद्ध पूर्णिमा कब है, buddha purnima ke bare mein jankari, mahatma buddha kaun the, lord vishnu 9th avatar, gautam buddha,

कल 16 मई को मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व से जुड़ी हर जानकारी

Buddha Purnima 2022 Shubh Muhurat, Puja Vidhi, Significance: पंचांग के आधार पर बुद्ध पूर्णिमा हर वर्ष वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। माना जाता है कि इसी दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुध का जन्म हुआ था। इस तिथि का हिंदू धार्मिक महत्व भी है। पौराणिक कथाओं के आधार पर जानकारी मिलती है कि भगवान विष्णु के नौवें अवतार महात्मा बुद्ध ही थे। इस वर्ष कल यानी 16 मई 2022, सोमवार के दिन बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन वैशाख पूर्णिमा और साल का पहला चंद्र ग्रहण भी है। इन सभी संयोगों के कारण इस दिन का धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है। तो आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व से जुड़ी हर जानकारी…

बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त: पंचाग के मुताबिक बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 15 मई, रविवार को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से 16 मई, सोमवार को 9 बजकर 43 मिनट के बीच है।

पूजा विधि: बुद्ध पूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध, भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का विधान है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सच्ची श्रद्धा और विधि द्वारा विष्णु भगवान का पूजन करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही चंद्र दर्शन को भी बहुत फलदायी माना गया है।

पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करने के लिए जाएं। लेकिन यदि ऐसा संभव ना हो तो अपने घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं। स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य दें और पीपल के पेड़ पर भी जल चढ़ाएं। इसके पश्चात अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को पंचामृत से स्नान कराकर फिर चंदन, अक्षत, पुष्प चढ़ाकर धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजा करें। बुद्ध पूर्णिमा के दिन पूजा के बाद दान का भी बहुत ने बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना लाभकारी होता है। साथ ही रात को चंद्र देव की पूजा भी करनी चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व: शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि गौतम बुद्ध भगवान विष्णु का नौवां अवतार थे। वहीं बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध, श्री नारायण और चंद्र देव के पूजन से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से विधि-विधान द्वारा पूजा करता है और व्रत रखता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि और मान-सम्मान की बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा भगवान विष्णु की कृपा से सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

यह भी पढ़ें

साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण कल, जानें किन राशि वालों के जीवन में इस चंद्र ग्रहण से बढ़ सकती हैं समस्याएं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो