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Buddha Purnima 2023: आज बुद्ध पूर्णिमा, ये घटनाएं बना रहीं तिथि को खास

वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) पांच मई 2023 को पड़ रही है, इसी दिन बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन कई ऐसी घटनाएं हो रहीं हैं जो बुद्ध पूर्णिमा तिथि को खास बना रहीं हैं।

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Pravin Pandey

May 02, 2023

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बुद्ध पूर्णिमा के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है।

चंद्र ग्रहणः पांच मई वैशाख पूर्णिमा के दिन ही इस साल चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। चंद्रग्रहण शुक्रवार रात 8.45 बजे लगेगा, जो उपच्छाया चंद्रग्रहण है। यह ग्रहण रात 1.05 बजे खत्म होगा।

ये कारण पूर्णिमा को बना रहे विशेष
पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा का विशेष अवसर होता है। इसके अलावा इस दिन माता के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा होती है। साथ ही पूर्णिमा शुक्रवार को पड़ रही है, इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा का दिन है यानी माता की पूजा के दो मौके एक साथ होने से माता अति शीघ्र प्रसन्न हो जाएंगी। फिर भगवान बुद्ध की भी पूजा का यह अवसर है, इसलिए यह दिवस बेहद खास हो गया है।

इस दिन पूजा के शुभ मुहूर्तः पांच मई को बुद्ध पूर्णिमा भी मनाई जाती है, क्योंकि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इस दिन इनकी उत्साह के साथ पूजा की जाती है। इस दिन सिद्ध योग के साथ दो शुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं।


अभिजित मुहूर्तः दोपहर 12.10 से 1.01 बजे तक
विजय मुहूर्तः दोपहर 2.44 बजे से 3.36 तक
सिद्ध योगः रात 9.15 बजे तक

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बुद्ध पूर्णिमा का महत्वः धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान न कर पाएं तो गंगाजल को स्नान के पानी में मिलाकर स्नान करें। इस दिन सुबह स्‍नान करके पीपल के पेड़ की पूजा और रात्रि के वक्‍त चंद्रमा को दूध से अर्घ्‍य देने का भी विधान है।

गौतम बुद्ध की पूजा के मंत्र
1. ऊँ मणि पद्मे हूं
2. बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि
3. ऊँ तारे तुतारे तुरे सोहा

बुद्ध पूर्णिमा के उपाय (Buddha Purnima Upay)
1. वैशाख पूर्णिमा के दिन गरीबों को अन्न वस्त्र दान करने से पुण्य मिलता है। मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन सत्तू, मिष्ठान्न, जल पात्र, भोजन आदि दान करना चाहिए। इसके अलावा तिल और शहद का दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
2. पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान से पापों से मुक्ति मिलती है।
3. पूर्णिमा के दिन खीर पीने और पिलाने से भगवान बुद्ध का आशीर्वाद मिलता है। यह सेहत के लिए भी लाभकारी है।


4. बुद्ध पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद पितरों का तर्पण करना चाहिए। मान्यता है कि इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
5. बुद्ध पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा कर चंद्र देव को अर्घ्‍य भी देने का विधान है। इससे चंद्रमा और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।