
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का महत्व विशेष माना जाता है। पूर्णिमा हर महिने आती है लेकिन चैत्र माह की पूर्णिमा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। चैत्र माह हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का प्रथम माह भी माना जाता है। चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से व्यक्ति के समस्त दुखों का निवारण होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी भी होती है। इस बार यह व्रत 19 अप्रैल, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है की इश दिन विधि विधान से की गई पूजा का फल जरुर मिलता है। लेकिन कुछ सावधानियां रखना भी बहुत जरुरी होता है। नहीं तो यह व्रत अधुरा रह जाता है और इसका फल भी नहीं मिलता। तो आइए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा के व्रत और पूजा के नियम....
चैत्र पूर्णिमा के दिन इस विधि से करें व्रत
चैत्र पूर्णिमा दिन सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प करें। इसके बाद इसी दिन रात को चंद्रमा की पूजा की जाती है। सबसे पहले चंद्रमा को जल अर्पित करें और अन्न से भरे घड़े को किसी ब्राह्मण या फिर किसी गरीब व्यक्ति को दान कर दें। इस तरह से चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी होने का आर्शीवाद प्रदान करते हैं।
चैत्र पूर्णिमा व्रत की महिमा
स्कंद पुराण के अनुसार श्री सत्यनारायण भगवान श्री हरि विष्णु का ही दूसरा स्वरूप हैं इसीलिए चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी की पूजा के साथ-साथ श्री विष्णु की पूजा का विधान माना जाता है। चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु के भक्त सत्यनारायण भगवान की पूजा भी कर सकते हैं।
Published on:
18 Apr 2019 05:28 pm
बड़ी खबरें
View Allट्रेंडिंग
