
Devshayani ekadashi 2019 : इस दिन से चार माह तक शिवजी संभालेंगे सृष्टि की सत्ता
आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस साल आषाढ़ शुक्ल की एकादशी शुक्रवार को 12 जुलाई को है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन से चातुर्मास भी प्रारंभ हो जाता है और साथ ही इसी दिन से सभी शुभ व मांगलिक कार्यों पर भी विराम लग जाता है। पुराणों के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन से ही श्री विष्णु चार महीने के लिए सोने चले जाते हैं। इसलिए इस एकादशी को देवशयनी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु से मांगी हुई हर मनोकामना पूरी होती है। इस चार महिनों में पूजा पाठ का भी अधिक महत्व माना जाता है। क्योंकि इस दौरान शिव और विष्णु साधना की जाती है। ये चार माह बहुत ही पवित्र भी होते हैं।
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शिव जी संभालते हैं सृष्टि की कमान
भगवान विष्णु के शयनकाल में चले जाने के बाद चार माह की अवधि में सृष्टि का संचालन शिव परिवार करता है। इस दौरान पवित्र श्रावण मास आता है जिसमें एक माह तक भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। इसके बाद आती है गणेश चतुर्थी। गणपति की स्थापना कर उनका पूजन किया जाता है तथा उसके पश्चात देवी दुर्गा की आराधना के नौ दिन शारदीय नवरात्रि आती है।
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देवशयनी एकादशी का महत्व
पुराणों के अनुसार एकादशी का व्रत जो भी भक्त सच्चे मन से रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस एकादशी की कथा पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान के जितना पुण्य फल प्राप्त होता है और समस्त पापों का नाश हो जाता हैं। मृत्यु के बाद स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस व्रत में भगवान विष्णु और पीपल की पूजा करने का शास्त्रों में विधान है।
Published on:
06 Jul 2019 02:22 pm
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