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शनि जयंती 2019 : शिव की कृपा से शनि बने थे दंडाधिकारी

शनि जयंती 2019 : शिव की कृपा से शनि बने थे दंडाधिकारी

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भोपाल

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Pawan Tiwari

Jun 02, 2019

intresting fact of shanidev and shiv

शनि जयंती 2019 : शिव की कृपा से शनि बने थे दंडाधिकारी

पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। कहा जाता है कि शनिदेव न्याय करते वक्त न तो डरते हैं, न ही किसी से प्रभावित होते हैं। लेकिन क्या आप लोग जानते हैं शनिदेव दंडाधिकारी कैसे बने थे, नहीं... तो आइये जानते है....

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शनिदेव सूर्य देव और संवर्णा (छाया) के पुत्र हैं। हिन्दू शास्त्रों में शनिदेव को क्रूर ग्रह की संज्ञा दी गई है। कहा जाता है कि शनिदेव मनुष्य को उसके पाप और बुरे कर्मों का दंड देते हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि की उदंडता से सूर्यदेव इतना परेशान थे कि उन्होंने भगवान शिव को समझाने को कहा। भगवान शिव ने शनि को बहुत ही समझाने की कोशिश की लेकिन शनि नहीं माने। शनि के मनमानी से भगवान शिव भी परेशान हो गए। उसके बाद महादेव ने शनि को दंडित करने का फैसला लिया।

कथा के अनुसार, भगवान शिव ने शनि के मनमानी से परेशान होकर उन पर प्रहार किया। भगवान शिव के प्रहार से शनिदेव अचेत हो गए। ऐसा देखकर सूर्यदेव पुत्र मोह में आकर शनि के जीवन की प्रार्थना भगवान शिव से की। उसके बाद भगवान ने शिव ने शनि को माफ कर दिया। कहा जाता है कि सूर्यदेव के आग्रह पर भगवान शिव ने शनि को अपना शिष्य बना लिया।

उसके बाद शिव ने शनि को दंडाधिकारी बना दिया। कहा जाता है शनि कर्मों के आधार पर सबको दंडित करते हैं। माना जाता है कि शनि न्यायाधीश की भांति जीवों को दंड देकर भगवान शंकर का सहयोग करने लगे।