6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Jivitputrika Vrat 2022: संतान की दीर्घायु और खुशहाली के लिए रखा जाता है जीवित्पुत्रिका व्रत, नोट कर लें इसकी तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Jivitputrika Vrat 2022 Date: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संतान की दीर्घायु और उन्नति के लिए माओं द्वारा जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। इस व्रत को जितिया, जिउतिया और ज्युतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। तो आइए जानते हैं इस साल जीवित्पुत्रिका व्रत कितनी तारीख को है...

2 min read
Google source verification
jivitputrika vrat 2022, jivitputrika vrat 2022 date and time, jitiya vrat kab hai 2022 mein, jitiya vrat kitne tarikh ko hai, jitiya vrat kyon kiya jata hai, jitiya vrat ka shubh muhurat, जीवित्पुत्रिका व्रत 2022, जीवित्पुत्रिका व्रत क्या है, jivitputrika vrat vidhi, jivitputrika vrat kaise kiya jata hai,

Jivitputrika Vrat 2022: संतान की दीर्घायु और खुशहाली के लिए रखा जाता है जीवित्पुत्रिका व्रत, नोट कर लें इसकी तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Jivitputrika Vrat 2022 Date and Muhurat: हिन्दू धर्म में कई व्रत पड़ते हैं जिनका अपना अलग महत्व होता है। वहीं माओं द्वारा संतान सुख और सलामती के लिए भी रखे जाने वाले व्रतों में से एक जीवित्पुत्रिका का व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल यह व्रत अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इसे जितिया, जिउतिया या ज्युतिया व्रत के नाम से भी जानते हैं। वहीं इस साल 18 सितंबर 2022 को यह व्रत रखा जाएगा। इस व्रत माएं पूरा दिन निर्जल रहकर अपने बच्चों की लंबी उम्र और उनकी खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो माताएं सच्चे मन से इस व्रत को रखकर विधिवत पूजन करती हैं उनकी संतान के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परेशानियों से उनकी रक्षा होती है।। ये कठिन निर्जला व्रत मुख्यतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अधिक रखा जाता है। तो अब आइए जानते हैं कि जीवित्पुत्रिका व्रत का मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

जीवित्पुत्रिका व्रत 2022 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 सितंबर 2022 से शुरू होगी और इसका समापन 19 सितंबर 2022 को होगा। वहीं जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा और व्रत का पारण 19 सितंबर को किया जाएगा।

जीवित्पुत्रिका व्रत 2022 शुभ मुहूर्त
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ- 17 सितंबर, दोपहर 02:14 बजे से
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन- 18 सितंबर, दोपहर 04:32 बजे तक
व्रत पारण समय- 19 सितंबर 2022, सुबह 06:10 मिनट के बाद

जीवित्पुत्रिका व्रत की विधि
जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत माताओं द्वारा संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए इस दिन निर्जला उपवास रखा जाता है। जितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर स्‍नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर पूजा-पाठ करके पूरे दिन में बस एक बार भोजन करें और उसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखें। वहीं जीवित्पुत्रिका व्रत के दूसरे दिन माताएं सुबह स्‍नान के बाद पूजा-पाठ करती हैं और फिर इसके बाद पूरा दिन एक बूंद भी पानी की ग्रहण नहीं की जाती। इस व्रत के तीसरे दिन जाकर सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही महिलाएं व्रत का पारण करती हैं और अन्‍न ग्रहण कर सकती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत के पारण में यानी तीसरे दिन मुख्‍य रूप से झोर भात, मरुवा की रोटी और नोनी का साग खाया जाता है।

जीवित्पुत्रिका व्रत की पूजा विधि
शास्त्रों के अनुसार अष्टमी तिथि के दौरान महिलाएं प्रदोषकाल में जीमूतवाहन की कुशा से निर्मित मूर्ति की पूजा करती हैं। इसके लिए प्रतिमा पर अक्षत, फूल, फल अर्पित करके धूप-दीप आदि से आरती करें। साथ ही गाय के गोबर और मिट्टी से सियारिन तथा चील की प्रतिमा बनाकर लाल सिंदूर अर्पित करके उसकी पूजा की जाती है। पूजन के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा अवश्य पढ़ें।

यह भी पढ़ें: Pitru Paksha 2022: 10 सितंबर से शुरू होंगे श्राद्ध, इस दौरान बिल्कुल न करें ये काम