5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ramlila 2022: क्या होती है रामलीला? कैसे हुई इसकी शुरुआत?

Ramleela 2022: इस साल 26 सितंबर 2022 को शारदीय नवरात्रि के प्रारंभ से लेकर 4 अक्टूबर तक रामलीला का मंचन किया जाएगा। अश्विन मास में शारदीय नवरात्रि के प्रारंभ के साथ ही नौ दिन चलने वाली रामलीला के मंचन का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। आइए जानते हैं कैसे हुई रामलीला की शुरुआत...

2 min read
Google source verification
ramlila 2022 date, ramleela kab se shuru hai, रामलीला क्यों मनाई जाती है, रामलीला 2022, ram leela history, ramleela,

Ramlila 2022: क्या होती है रामलीला? कैसे हुई इसकी शुरुआत?

Ram Leela History: हिन्दू धर्म में नवरात्रि का त्योहार बहुत महत्व रखता है। साल में चार नवरात्रि पड़ती हैं जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि होती है। अश्विन मास में शारदीय नवरात्रि के प्रारंभ के साथ ही जहां नौ दिनों तक घर-घर में दुर्गा माता का पूजन किया जाता है वहीं नौ दिन चलने वाली रामलीला के मंचन का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। रामलीला प्रभु श्रीराम के चरित पर परंपरागत रूप से खेला जाने वाला एक नाटक है जो मुख्य तौर पर उत्तर भारत में होती है।

नवरात्रि की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि यानी नौ दिनों तक चलने वाले इस नाटक रामलीला में भगवान श्रीराम के जीवन की प्रमुख घटनाओं को विभिन्न कलाकारों द्वारा दर्शाया जाता है। नाटक में विभिन्न कलाकार रामजन्म से लेकर उनके वनवास जाने, सीता हरण, भरत मिलाप और रावण-वध जैसी घटनाओं का मंचन करते हैं। इसके बाद दशमी वाले दिन रावण-वध होता है, इस दिन रावण सहित मेघनाद तथा कुंभकरण का भी पुतला जलाकर दशहरा पर मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विजयादशमी या दशहरा का पर्व अधर्म पर धर्म की और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं कैसे हुई रामलीला की शुरुआत...

कैसे हुई रामलीला की शुरुआत?

नवरात्रि के नौ दिनों तक चलने वाली रामलीला लोक-नाटक का एक रूप है। रामलीला का विकास मुख्य तौर पर उत्तर भारत में हुआ था जिसके प्रमाण करीबन ग्यारहवीं शताब्दी में मिलते हैं। कहा जाता है कि पिछले समय में रामलीला महर्षि वाल्मीकि के महाकाव्य 'रामायण' की पौराणिक कथाओं पर की जाती थी, परंतु आज के समय में हम जिस रामलीला का मंचन देखते हैं उसकी पटकथा 'रामचरितमानस' की कहानियों पर आधारित है। जिसे गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा था। कहा जाता है कि पहली बार रामलीला का मंचन गोस्वामी तुलसीदास के शिष्यों द्वारा 16वीं सदी में किया गया था।

उस समय काशी के राजा ने गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस को पूर्ण करने के बाद रामनगर में रामलीला कराने का संकल्प लिया था। कहा जाता है कि उसी समय से देशभर में रामलीला के नाटक का प्रचलन शुरू हो गया।

यह भी पढ़ें - Video : इन 3 राशियों को उठाना पड़ सकता है जोखिम, पढ़ें आज का राशिफल