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Shani Jayanti 2022: शनि जयंती 30 मई को, इस शुभ मुहूर्त में करें विधिवत पूजा, बरसेगी कर्म देवता शनि की विशेष कृपा

locationनई दिल्लीPublished: May 17, 2022 11:24:10 am

Submitted by:

Tanya Paliwal

Shani Jayanti 2022: हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार जेष्ठ मास की अमावस्या का दिन शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है क्योंकि मान्यता है कि इसी दिन शनि देव का जन्म हुआ था। ऐसे में इस शुभ दिन शनि देव की पूजा करने से…

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Shani Jayanti 2022: शनि जयंती 30 मई को, इस शुभ मुहूर्त में करें विधिवत पूजा, बरसेगी कर्म देवता शनि की विशेष कृपा

Shani Jayanti 2022 Date, Shubh Muhurat And Puja Vidhi: ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि शनि देव के जन्मदिवस यानी शनि जयंती के रूप में मनाई जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस पावन दिन पर शनि देव की विधिवत और सच्चे मन से की गई पूजा बहुत फलदायी होती है। माना जाता है कि जो भक्त इस दिन भगवान शनि देव की शुभ मुहूर्त में सही विधि द्वारा पूजा-अर्चना करता है उससे प्रसन्न होकर कर्म देवता व्यक्ति के कष्टों का निवारण करते हैं।

हिंदू पचांग के मुताबिक इस साल 2022 में ज्येष्ठ मास में शनि जयंती 30 मई को सोमवार के दिन मनाई जाएगी। साथ ही इस दिन सोमवती अमावस्या भी है। तो आइए जानते हैं इस खास संयोग पर शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए किस मुहूर्त में पूजा करना शुभ होगा…

 

शनि जयंती 2022 का शुभ मुहूर्त:
पंचाग के अनुसार, अमावस्या तिथि की शुरुआत 29 मई, रविवार को दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से होगी और अमावस्या तिथि का समापन अगले दिन 30 मई, सोमवार को शाम 04 बजकर 59 मिनट पर होगा।

शनि जयंती पर करें इस तरह पूजा: शनि जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई करके दीपक जलाएं। फिर शनि देव के मंदिर जाकर तेल और फूल अर्पित करें। फिर शनि चालीसा का पाठ करें। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। साथ ही शास्त्रों में शनि जयंती के दिन दान का भी महत्व बताया गया है। इस दिन किया गया दान बहुत पुण्यदायी माना जाता है।

शनि देव की पूजा के बाद इन मंत्रों का करें जाप:
ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

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