जानकारों का कहना है कि दरअसल वास्तु शास्त्र ऊर्जाओं के आधार कार्य करता है। वास्तु के सिद्धांत अनुसार ऊर्जाओं को सकारात्मक और अपने अनुकूल बनाने की दिशा में कार्य करता है। वहीं नकारात्मक ऊर्जा को रोकने का कार्य किया जाता है।
दरअसल इसके मूल में ये है कि जीवन में आने वाली मुश्किलें मुख्य रूप से नकारात्मक ऊर्जा चाहे वह आपकी सोच हो, गलतियां हों या स्थितियां इन्हीं के कारण उत्पन्न होती हैं। ऐसे में सकारात्मक ऊर्जा के माध्यम से कई बढ़ी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।
वास्तु की जानकार रचना मिश्रा के अनुसार ये नकारात्मक ऊर्जा ही लोगों के लिए समस्याओं की वजह बनती हैं।
मिश्रा के मुताबिक वास्तुशास्त्र के अनुसार आपका सोने का कमरा दक्षिण पश्चिम दिशा में होना चाहिए। वहीं उत्तर दिशा की तरफ मुख कर सोना अशुभ माना गया है।
घर या ऑफिस में आने वाली नकारात्मकता से बचने के लिए बाथरूम और टॉयलेट की सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए इन्हें नियमित रूप से साफ रखना चाहिए। इसके साथ ही इन जगहों का दरवाजा और नल भी खराब नहीं होने चाहिए।
इसके अलावा यदि हम रंगों की ऊर्जा की बात करें तो वास्तु के अनुसार यदि आपके घर में किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य लगातार खराब बना हुआ है, तो उनके कमरे की दीवार को लाल या हरे रंग से रंगवाना चाहिए।
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इसका कारण यह है कि वास्तुशास्त्र के अंतर्गत लाल रंग को ऊर्जा का प्रतीक माना गया है जबकि हरा रंग शांति को दर्शाता है। इसके साथ ही ये बात भी ध्यान रखी चाहिए कि घर में दीमक न हो।