
हिन्दू धर्म में दान पुण्य कर्म है, दान करने से अगले जन्म में उस दान का फल मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं दान करने के नियम क्या है? किसी व्यक्ति को कितना दान करना चाहिए? नहीं पता है तो कोई बात नहीं, आज हम आपको बताएंगे कि किसको कितना दान करना चाहिए।
दरअसल, धर्म शास्त्रों में दान करने की सही विधि के बारे में बताया गया है कि किसको कितना दान करना चाहिए। आइये जानते हैं कि क्या है दान के नियम...
हर व्यक्ति को अपनी आमदनी की न्यूनतम 10 फीसदी दान करना चाहिए।
दान उसी को दीजिए जो दान लेने के योग्य हो।
दान के तौर पर धन, संपत्ति आथवा द्रव्य दान दे सकते हैं।
कभी भी किसी की अमानत दान के तौर पर नहीं देना चाहिए।
कर्ज लेकर कभी दान नहीं करना चाहिए।
अगर बुरे वक्त के लिए धन रखा है तो उसे दान न करें।
क्रोध या द्वेश की भावना से दान न करें।
डर की वजह से किसी चीज का दान न करें।
कभी भी अपेक्षा रखकर किसी चीज का दान न करें।
यह दान माने जाते हैं महादान
धर्म शास्त्रों में दान से जुड़ी हुई बहुत से बातों के बारे में बताया गया है। कुछ ऐसी वस्तुओं के बारे में भी बताया गया है, जिसे महादान कहा जाता है। गाय, जमीन, तिल, सोना, चांदी, घी, वस्त्र, नमक आदि महादान की श्रेणी में आते हैं।
पुण्य प्राप्त करने के लिए किया जाता है दान
धर्म शास्त्रों में साफ तौर पर बताया गया है कि दान पुण्य प्राप्त करने के लिए किया जाता है। अगर दान आप स्वार्थ के लिए कर रहे हैं तो उसका पुण्य आपको प्राप्त नहीं होगा। यही कारण है कि दान देते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि योग्य व्यक्ति को ही दान दें ताकि उसका फल भी मिले।
Updated on:
08 Sept 2019 04:00 pm
Published on:
08 Sept 2019 03:58 pm
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