
MP News Reel in Police Uniform (फोटो सोर्स : पत्रिका)
MP News: रीवा जोन के डीआईजी ने अन्य लोगों की तरह पुलिसकर्मियों में भी बढ़ रहे रील बनाने के रोग पर संज्ञान लिया है और कड़वी दवा के रूप में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि अन्य लोगों और क्षेत्रों की शख्सियतों की तरह पुलिसकर्मियों में भी रील बनाने का चस्का लगा हुआ है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने, लाइक और व्यू बढ़ाने के साथ ही फॉलोअर्स बढ़ाने का उपक्रम कई पुलिसकर्मी कर रहे हैं। जोन के हर जिले में कई-कई पुलिसकर्मी इस तरह की रील बना रहे हैं।
हाल ही में सगरा थाना प्रभारी अंकिता मिश्रा की रील सोशल मीडिया में वायरल हुई है। वे ड्यूटी के दौरान काम कर रही थीं और फिल्मी गाने पर रील बना रही थीं। रील वायरल होने पर डीआइजी ने जोन के सभी जिलों को पत्र जारी कर इस पर तत्काल रोक लगा दी है। कहा गया है कि कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी(Reel in Police Uniform) या फिर सिविल ड्रेस में रील बनाकर वायरल नहीं करेगा। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
डीआइजी की ओर से जारी आदेश(Reel in Police Uniform) को सभी थाना प्रभारी अपने अधीन स्टाफ को पढकऱ सुनाएंगे। तीन दिन के रोलकाल में सभी कर्मचारियों को यह सुनाया जाएगा और उसे रोजनामचा में दर्ज किया जाएगा। इसके बाद भी जो पुलिसकर्मी रील वायरल करेंगे, वे कार्रवाई के दायरे में आएंगे।
रीवा में पदस्थ उपनिरीक्षक विकास सिंह सिंगौर सोशल मीडिया के स्टार हैं। उनके कई वीडियो अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर वायरल हुए हैं। कुछ फिल्मी गानों से जुड़े वीडियो भी शामिल थे जो उन्होंने यूनिफार्म में बनाए थे और वे वायरल हुए। पहले वे सोहागी थाने में पदस्थ थे और वर्तमान में पुलिस लाइन में तैनात हैं।
सोशल मीडिया पर रील वायरल करने पर कई पुलिसकर्मियों पर पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। चुनाव के समय राजनीतिक दल से जुड़ा वीडियो वायरल होने पर सोहागी थाने में पदस्थ आरक्षक को निलंबित कर दिया गया था। कुछ माह पहले न्यायालय में पदस्थ महिला प्रधान आरक्षक की रील वायरल होने पर जांच के आदेश जारी किए गए थे।
जिले में शायद ही कोई ऐसा थाना बचा हो जहां के कुछ पुलिसकर्मी वर्दी में रील्स बनाकर शेयर न करते हों। महिला थाना प्रभारी श्वेता मौर्या के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर बीस हजार से ज्यादा फालोवर हैं। अक्सर फेसबुक में इनकी रील्स अपलोड होती हैं। एसआइ नेहा ठाकुर भी सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर हैं। कोलगवां, कोतवाली व पुलिस लाइन की कई महिला आरक्षक रील्स बनाकर शेयर करती हैं।
डीआइजी के आदेश में यह भी कहा गया है कि पुलिस जैसे अनुशासित विभाग में रहकर ऐसा कार्य पुलिस के पद एवं गरिमा के भी प्रतिकूल है। इससे जनता के बीच पुलिस की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। किसी भी पुलिसकर्मी को विभागीय कार्यों के अतिरिक्त कोई भी पोस्ट पोस्ट सोशल मीडिया पर प्रेषित करने का अधिकार नहीं है। ऐसा करने वालों के विरुद्ध कठोर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाएं।
सोशल मीडिया में पुलिसकर्मियों की रील वायरल होने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिनसे विभाग की छवि खराब हो रही थी। सभी जिलों को पत्र जारी कर इस तरह की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी अगर पुलिसकर्मी रील वायरल करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -राजेश सिंह, डीआईजी रीवा जोन
Updated on:
08 Jul 2025 04:10 pm
Published on:
08 Jul 2025 09:48 am
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