- स्नातक प्रथम एवं द्वितीय और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के छात्रों की होगी परीक्षा- अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा भौतिक आधार पर परीक्षा केन्द्रों में आयोजित की जाएगी
रीवा। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विश्वविद्यालय और कालेजों की परीक्षाओं के कार्यक्रम में संशोधन किया गया है। पूर्व में स्थितियां सामान्य होते देख सभी कक्षाओं की परीक्षाएं भौतिक आधार पर पेन-पेपर मोड पर कराने की तैयारी थी। इसके लिए शासन का निर्देश भी जारी हुआ था, जिसके आधार पर ही तैयारियां भी की जा रही थी।
अब कोरोना के बढ़ते संक्रमण की समीक्षा करने के बाद तय किया गया है कि यूजी-पीजी के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं ही भौतिक रूप से परीक्षा केन्द्रों में आयोजित की जाएंगी। अन्य कक्षाओं की परीक्षाएं ओपन बुक प्रणाली पर होंगी। इसके लिए विश्वविद्यालय को परीक्षा कार्यक्रम निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
गत दिवस उच्च शिक्षा मंत्री ने भी समीक्षा के बाद यह कहा था कि स्नातक अंतिम वर्ष और स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं ही कालेजों में आयोजित की जाएंगी। इनमें भी कोरोना के लिए निर्धारित गाइडलाइन का पालन करना होगा।
अब उच्च शिक्षा विभाग ने कहा है कि स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के साथ ही स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं ओपन बुक प्रणाली पर आगामी जून में आयोजित की जाएंगी। साथ ही स्नातक अंतिम वर्ष और स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं मई महीने में विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित परीक्षा केन्द्रों में होंगी।
- ओपन बुक प्रणाली के संग्रहण केन्द्र निर्धारित करने के निर्देश
ओपन बुक प्रणाली के तहत छात्रों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट और एसआइएस लागइन पर प्रश्र पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। छात्रों को उत्तर पुस्तिकाएं घर पर लिखने का अवसर दिया जाएगा और उन्हें जमा कराने के लिए छात्रों के घरों के आसपास ही संग्रहण केन्द्र बनाए जाएंगे। जहां पर उत्तरपुस्तिकाएं जमा कराई जाएंगी। विश्वविद्यालय ने पूर्व में ओपन बुक प्रणाली की परीक्षा आयोजित कराई थी, इसलिए अधिक कठिनाई नहीं होगी। संग्रहण केन्द्रों के चयन के साथ ही जिलों के अग्रणी महाविद्यालयों की भी इसमें अहम भूमिका होगी, वह विश्वविद्यालय के साथ समन्वय बनाएंगे।
- स्कूल और प्राइवेट कालेज भी बनाए जा सकेंगे संग्रहण केन्द्र
कोरोना संक्रमण की वजह से छात्रों को अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़े और संग्रहण केन्द्रों में अधिक भीड़ न हो इसके लिए उत्तर पुस्तिका संग्रहण केन्द्र बढ़ाए जाने के लिए कहा गया है। इसमें विकल्प दिया गया है कि यदि सरकारी कालेजों की संख्या कम हो तो निजी स्कूलों को भी संग्रहण केन्द्र बनाया जा सकता है और यदि किसी क्षेत्र में कालेजों की उपलब्धता नहीं हो तो आसपास के सरकारी स्कूलों को भी संग्रहण केन्द्र के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए शिक्षा विभाग और संबंधित स्कूल प्रबंधन से संपर्क करना होगा।
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जुलाई में घोषित होंगे परीक्षा परिणाम
परीक्षा परिणामों को लेकर भी उच्च शिक्षा विभाग ने दिशा निर्देश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि जून में होने वाली परीक्षा का परिणाम जुलाई के दूसरे सप्ताह से पहले जारी किए जाएं ताकि आगे का शिक्षण सत्र प्रभावित नहीं हो। साथ ही मई में होने वाली परीक्षाओं का परिणाम उसके पहले जारी करने के लिए कहा गया है। ओपन बुक प्रणाली में स्नातक प्रथम वर्ष में आंतरिक मूल्यांक के अंक जोड़कर परिणाम जारी किए जाएंगे। द्वितीय वर्ष में आंतरिक मूल्यांकन एवं ओपन बुक पद्धति के अंक जोड़कर ५० प्रतिशत और गत वर्ष प्रथम वर्ष के प्राप्तांकों का ५० प्रतिशत अंक जोड़कर परीक्षा परिणाम जारी होंगे। अंकसूची पूर्व के वर्षों के प्रारूप के अनुसार ही जारी की जाएगी।
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विश्वविद्यालय की लेटलतीफी बनेगी समस्या
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षाएं आयोजित कराने और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद समय पर परीक्षा परिणाम जारी करने का कार्य काफी धीमी गति से होता रहा है। बीते सत्र में उत्तर पुस्तिकाएं जमा कराने में सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार हो गई थी। पुलिस को लाठी चार्ज तक करना पड़ा था। इसके बाद मूल्यांकन में देरी और परीक्षा परिणाम महीनों तक जारी नहीं किए जाने से परेशानी हुई थी। इस बार भी परीक्षाओं के आयोजन को लेकर कोई रूपरेखा तय नहीं की जा रही है। वर्तमान में विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रभारी कुलसचिव दोनों की उदासीनता ऐसी है कि समीक्षा बैठकें तक नहीं हो पा रही हैं, जिससे आने वाले समय में समस्या और बढ़ सकती है।