
swachhta survekshan 2023 rewa madhya pradesh
रीवा। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 का परिणाम जारी हो गया है। जिसमें रीवा नगर निगम ने अपनी पुरानी स्थिति में सुधार किया है। पिछले वर्ष मिली रैंक में 13 नंबर आगे बढ़कर देशभर में ४२वां स्थान हासिल किया है। राज्य स्तर पर रीवा का १०वां स्थान है। रैंकिंग में सुधार होने के चलते पूरे शहर के लोगों ने प्रसन्नता जाहिर की है। रंैकिंग में बीते कुछ वर्षों से लगातार सुधार हुआ है, जिससे अब संभावना भी बढ़ी है कि आने वाले दिनों में शहर को और बेहतर रैंक हासिल हो सकती है।
पूर्व के वर्षों में स्वच्छता के लिए अच्छे काम करने के बाद भी नगर निगम पिछड़ जाता था। इसकी प्रमुख वजह रही कि डाक्यूमेंटेशन जिस तरह से होना चाहिए उस तरह से नहीं हो पाता था। इस बार निगम प्रशासन ने पूरी निगरानी बढ़ाई और आउटसोर्स कंपनी और वालेंटियर्स के साथ मिलकर मानकों के अनुरूप काम कराए। यही वजह रही कि समय पर स्वच्छता सर्वे से जुड़ी जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाती रही।
सर्वे के लिए फील्ड विजिट पर टीम आई तब भी स्वच्छता से जुड़ी व्यवस्थाएं ठीक पाई गईं। बीते कई वर्षों से शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण हो रहा है, जिसके चलते अब शहर के लोगों में अपने शहर को बेहतर स्थान पर लाने के लिए मानसिकता भी बढ़ रही है। लोग स्वयं सर्वे से जुड़े आनलाइन फीडबैक में हिस्सा लेने लगे हैं और डोरटूडोर कचरा कलेक्शन में सूखा और गीला कचरा अलग देने लगे हैं। यही कारण रहा कि अन्य वर्षों की तुलना में रीवा को नेशनल और प्रदेश स्तर पर अच्छी रैंक मिली है। इस पूरे सर्वे में देशभर से 4447 शहरों ने हिस्सेदारी की थी।
---
डंप साइट पर कचरे के प्रसंस्करण में नहीं मिले अंक
सर्वे के दौरान कई तरह की व्यवस्थाओं का आंकलन किया गया। जिसमें सबसे खराब स्थिति डंप साइट पर कचरे के प्रसंस्करण की रही है। इसमें शून्य ग्रेडिंग रही है। जिसकी वजह से मुख्य रैंकिंग में भी असर पड़ा है। नगर निगम ने शहर के नजदीक कोष्टा में डंप साइट बना रखा है जहां पर लंबे समय से कचरा डंप किया गया है। इस कचरे के प्रसंस्करण के लिए सर्वे में कोई इंतजाम नहीं पाया गया। पब्लिक टायलेट की सफाई में जरूर सबसे बेहतर स्थिति रही है। इसमें पूरे शतप्रतिशत अंक मिले हैं। सर्वे दल ने डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में रीवा को ९९ प्रतिशत अंक दिए हैं।
--
जीएफसी में स्टार रेटिंग से सुधरी सर्वे की रैंक
स्वच्छता सर्वे की रैंकिंग से पहले ही गारबेज फ्री सिटी के लिए मिली थ्री स्टार रेटिंग से बड़ी राहत मिली है।1375 अंक के इस सर्वे में रीवा को 725 अंक मिले। पिछले वर्ष इसके बहुत कम अंक थे। नगर निगम में स्वच्छता सर्वे में डाक्यूमेंटेशन सहित अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग कर रहे जीशान खान ने बताया कि पिछली रैंकिंग में जिन बिन्दुओं में कम अंक मिले थे उन पर फोकस रहा है। इस बार कई नवाचार हुए। जिसमें थ्री आर पार्क, कबाड़ का पार्क, पूरे शहर में स्वच्छता से जुड़े पेंटिंग, हर मोहल्ले की एक आदर्श गली बनाई, बैक लेन और फ्रंटलेन को बेहतर किया गया। इस बार सफाई को लेकर रीवा के नागरिकों ने अच्छा फीडबैक दिया है।
--
ऐसे रहा सिटी का रिपोर्ट कार्ड
- डोरटूडोर कचरा कलेक्शन - --99
- छांटे गए कचरे का दोबारा उपयोग--98
- अपशिष्ट उत्पादन का प्रसंस्करण-- 90
- डंप साइट के कचरे का ट्रीटमेंट---00
- आवासीय क्षेत्र में सफाई--87
- व्यवसायिक क्षेत्र में सफाई--87
- जल संरचनाओं की सफाई--75
- पब्लिक टॉयलेट्स की सफाई--100
---
ऐसा रहा पूर्णांक और मिला अंक
- सवेज़् के लिए निधाज़्रित कुल अंक--9500/7064.30 मिले
- सिटीजन वाइस- 2170/1816.12
- सर्विस लेवल प्रोग्रेस-- 4830/3798.2
- सर्टिफिकेशन-- 2500/1450
- (क) स्टार रेटिंग- 1375/725
- (ख)ओडीएफ- 1125/725
--
---
--
पिछले वर्ष की रैंकिंग में तकनीकी त्रुटियां भी थी
रीवा नगर निगम की पिछले वर्ष स्वच्छता रैंङ्क्षकग में तकनीकी त्रुटियां भी हो गई थी। जिसकी वजह से पहले चरण के जारी परिणाम में देशभर में ९७वें रैंक मिली थी। रीवा के समकक्ष शहरों में ७५वां स्थान था। इसमें रीवा को ओडीएफ प्लस प्लस सर्टिफिकेट मिला था जिसके ६०० अंक मिले थे लेकिन मुख्य सर्वे में २०० अंक ही जोड़े गए थे। ४०० अंकों के नुकसान की वजह से रैंकिंग काफी नीचे चली गई थी। बाद में नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त मृणाल मीना ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई तो केन्द्र सरकार ने सुधार कराया और नई रैंकिंग जारी कर रीवा को ५५वां स्थान दिया। राज्य स्तर की रैंकिंग में रीवा १९वें स्थान पर था।
कमियों में सुधार से आगे सफलता मिलने की उम्मीद
शहर में स्वच्छता को लेकर बीते कुछ सालों में माहौल बना है, लोगों का सहयोग भी मिलना शुरू हो गया है। इसके बावजूद कई ऐसी कमियां रह गई हैं जिनके लिए इंदौर-भोपाल की तरह प्रयास करने की जरूरत है। निगम के पूर्व उपायुक्त अरुण मिश्रा का कहना है कि शहर की सफाई व्यवस्था की सबसे बड़ी बाधक पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। इसके लिए अब तक कारगर प्रयास नहीं हुए, इसके विकल्पों पर ध्यान नहीं दिया गया। पालीथिन का उपयोग कम करने के लिए बर्तन बैंक और झोला बैंक की वार्डों में स्थापना करने की जरूरत है। कचरा कलेक्शन व्यवस्था वार्डों में शतप्रतिशत होने के बाद ही कचरा मुक्त शहर की परिकल्पना साकार होगी। ई-वेस्ट और मेडिकल वेस्ट के संकलन और निपटान की तकनीकी व्यवस्था भी जरूरी है। स्वच्छता सर्वेक्षण में शुरुआत से ही शासन का जोर रहा है कि सूखा और गीला कचरा अलग-अलग संकलित होना चाहिए। कुछ मोहल्लों में प्रयास हुआ लेकिन निगम के कचरा संकलन वाले जो वाहन हैं उनमें दोनों तरह के कचरे मिक्स कर दिए जाते हैं। साथ ही घरों पर ही कचरा प्रबंधन की आदत डालने की जरूरत है।
---
अब तक रीवा को मिली रैंकिंग
वर्ष--- रैंकिंग
2023---42
2022--५५
2021--93
2020-- 116
2019--75
2018--49
2017---38
2016- 398
----------
स्वच्छता सर्वेक्षण में बीते कुछ वर्षों में यह सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा है। जिन शहरों में सारे संसाधन पहले से मौजूद हैं, उनसे भी रीवा आगे निकला है। इस सफलता का श्रेय रीवा शहर की जनता को जाता है। साथ ही नगर निगम के सफाई मित्र, अधिकारी-कर्मचारियों, वालेंटियर्स सहित विभिन्न संगठनों की भी बड़ी भूमिका रही है। उम्मीद है कि शहर का हर नागरिक आगे भी इसी तरह सहयोग देगा।
अजय मिश्रा बाबा, महापौर रीवा
---
रीवा शहर के लोगों ने स्वच्छता को लेकर संवेदनशीलता दिखाई है। जिस तरह से नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों ने मेहनत कर स्वच्छता में दावा मजबूत किया है, उसे लोगों ने भी स्वीकार किया और सर्वे के दौरान फीडबैक में सकारात्मक जानकारी सर्वे दल को दी। इस सफलता का श्रेय शहर के हर नागरिक को जाता है।
व्यंकटेश पांडेय, स्पीकर नगर निगम
--
-
पिछले वर्ष 55 की रैंक से आगे बढ़कर ४२वें स्थान पर पहुंचे हैं। अभी हमारी राह लंबी है, बड़े लक्ष्य हासिल करना है। सीवर प्रोजेक्ट चल रहा है, अब वाटर प्लस शहर बनाने की तैयारी है। जीएफसी में अब 5 स्टार के लिए काम करेंगे। इस पूरे काम को मिशन के रूप में करना है, जिसमें फिर से शहर के नागरिकों का सहयोग अपेक्षित रहेगा।
संस्कृति जैन, आयुक्त नगर निगम
Published on:
12 Jan 2024 10:20 pm
बड़ी खबरें
View Allरीवा
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
