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ढाई माह में 13 चक्काजाम, 10 से 20 घंटे हाइवे जाम रहे, पीडि़तों को केवल आश्वासन मिला

संदिग्ध मौत, हत्या, लापरवाही से हादसा सहित अन्य प्रकार की घटनाओं के बाद लोगों को अपनी बात मनवाने चक्काजाम करना पड़ रहा है। पहले साल में दो-चार चक्काजाम होते थे, लेकिन

सागरMay 27, 2025 / 05:32 pm

Madan Tiwari

– हर घटना के बाद आक्रोश : पुलिस व प्रशासन संभाल नहीं पा रही स्थिति, मुखबिर तंत्र भी फेल

सागर. संदिग्ध मौत, हत्या, लापरवाही से हादसा सहित अन्य प्रकार की घटनाओं के बाद लोगों को अपनी बात मनवाने चक्काजाम करना पड़ रहा है। पहले साल में दो-चार चक्काजाम होते थे, लेकिन अब अधिकारियों की अनसुनी से परेशान लोग आक्रोश में सड़क पर बैठ रहे हैं। इस साल अकेले मार्च माह की ही बात करें तो शहर व जिले के स्टेट व नेशनल हाइवे पर 8 चक्काजाम हुए। इनमें सानौधा में जहां स्टेट हाइवे पर लोग 10 घंटे 40 मिनट तक सड़क पर शव रखकर बैठे रहे तो जैसीनगर में 20 घंटे तक इतिहास का सबसे लंबा चक्काजाम चला। 10 से 20 घंटे तक हाइवे जाम रहने से हजारों वाहन चालक परेशान हुए और पीडि़त परिवारों को भी सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता और कार्रवाई के आश्वासन के अलावा कुछ खास नहीं मिला।

– अधिकारियों की अनसुनी से नाराजगी

चक्काजाम हो या फिर धरना प्रदर्शन, हर मामले में लोगों की नाराजगी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से होती है। अधिकारी लोगों की बात को अनसुना कर देते हैं और जब वह भीड़ के साथ सड़क पर बैठते हैं तो उन्हें मनाने के लिए आगे-पीछे होते हैं। यदि अधिकारी समय रहते लोगों की जायज मांगों को सुन लें तो शायद प्रदर्शन व चक्काजाम जैसे हालत निर्मित नहीं होंगे।

– प्लान-बी पर काम नहीं

धरना प्रदर्शन व चक्काजाम जैसी स्थितियां निर्मित होने के बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के पास हमेशा प्लान-बी की कमी देखी गई है। इसके अलावा पुलिस व प्रशासन के उच्चाधिकारियों के मौके पर न पहुंचने से भी स्थितियां बिगड़ती हैं। अधिकांश हाइवे सिंगल रूट के हैं, जिसके कारण जाम में फंसे वाहनों को निकालने के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है।

– मार्च के 27 दिन में 8 चक्काजाम

– 2 मार्च – युवक की सड़क हादसे में मौत के बाद बंडा में सागर-छतरपुर नेशनल हाइवे पर चक्काजाम।

– 7 मार्च – जिला खनिज अधिकारी व गोपालगंज थाना प्रभारी के खिलाफ पीली कोठी पर चक्काजाम।
– 7 व 8 मार्च – मोतीनगर थाना क्षेत्र के सोमला गांव में युवक की संदिग्ध मौत के बाद 7 व 8 मार्च को सागर-भोपाल नेशनल हाइवे पर चक्काजाम।

– 16 मार्च – चाकूबाजी में घायल युवक की मौत के बाद संजय ड्राइव पर चक्काजाम।
– 17 मार्च – शनिचरी के युवक की हत्या कर शव मेहर गांव के पास फेंका, डिग्री कॉलेज तिराहे पर चक्काजाम।

– 21 मार्च – जैसीनगर थाना के सेवन गांव में व्यक्ति की संदिग्ध मौत के बाद सागर-सिलवानी स्टेट हाइवे पर 20 घंटे चक्काजाम।
– 24 मार्च – बीएमसी में 14 माह की मासूम की मौत के बाद सागर-दमोह स्टेट हाइवे पर सानौधा गांव में 10 घंटे 40 मिनट चक्काजाम।

– 29 मार्च – बिजली कंपनी के आउटसोर्स कर्मचारी करंट से मौत के बाद सागर-छतरपुर नेशनल हाइवे पर शाहगढ़ में चक्काजाम।
– 08 अप्रेल – पेयजल संकट से जूझ रहे बीला गांव के लोगों ने चक्काजाम कर दिया।

– 17 अप्रेल – अरिहंत अस्पताल पर इलाज में लापरवाही को लेकर बंडा के बरा चौराहे चक्काजाम, महिला की मौत हुई थी।
– 21 अप्रेल – मोतीनगर थाना क्षेत्र के खानपुर गांव स्थित खदान में ट्रैक्टर के नीचे आकर खेमराज पटेल की मौत के बाद परिजनों ने मंडी के पास चक्काजाम किया।

– 16 मई – कनेरादेव चौराहे पर निर्माणाधीन पुल पर हुए हादसे में मजदूर की मौत से गुस्साए लोगों ने मोतीनगर चौराहे पर चक्काजाम किया।
– 25 मई – युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद परिजनों ने हत्या के आरोप लगाते हुए महराजपुर थाने के सामने फोरलेन पर 3 घंटे चक्काजाम किया।

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