महंत घनश्याम महाराज ने बताया कि 2014 से लेखन शुरू किया गया था। सागर से हजारों भक्तों ने लेखन कार्य में सहभागिता की है। उन्होंने बताया कि मंदिर से भक्तों के लिए सीताराम लेखन लिखने के लिए कॉपियां दी जाती थी। एक कॉपी में 24 हजार बार लेखन कार्य किया जाता है। कॉपी लेखन होने के बाद भक्त यहां बैंक में कॉपी जमा कर देते थे। 10 वर्षों में 60 करोड़ लेखन भक्तों ने किया है।
घनश्याम महाराज ने बताया कि लेखन कार्य अभी जारी रहेगा। अधिक लेखन होने के बाद सागर में ही स्थापित किया जाएगा। स्थापना के लिए मंदिर निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि राम नाम का जाप सभी लोग करते है,लेकिन लिखकर संकलन कम ही लोग करते हैं। इसकी शुरुआत हमने अपने शहर में की है। लोग मंदिर में आकर लेखन कर सकते हैं। इसके लिए कॉपी भी मंदिर की ओर वितरित की जाएंगी।