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शाहगढ़. सागर की बंडा तहसील से 60 किमी दूर अबार माता का मंदिर है। यहां माता की प्रतिमा सन 1233 के करीब की बताई जाती है। यहां पर नवरात्र पर भक्तों का भारी मेला लगता है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार एक समय जब आल्हा उदल अपने सैन्य बल के साथ राह भूल गए तो वे यहा के जंगल में आ गए और रास्ता ढूढने का प्रयास करने लगे। रास्ता न मिलने पर आल्हा-उदल ने इसी पहाड़ी पर स्थित एक खंबेनुमा चटटान के पास बैठकर माॅ भगवती की आराधना की। माॅ अपने भक्तों की पुकार सुनकर इसी चीरे के पास प्रकट हुई एवं आल्हा एवं उदल की समस्या का समाधान करके विजय का वरदान दिया। साथ ही कहा जो भक्त इस चीरे पर अपने हल्दी के हाथे लगाएगा उसकी गोद इस दरवार में अवश्य भरेगी। इस प्रकार आल्हा-उदल अपने गंतव्य को प्रस्थान कर गए। माॅ के आशीर्वाद से युद्व में विजय प्राप्त करने के बाद आल्हा उदल लौटकर इसी स्थान पर आए तब वैषाख पूर्णिमा का अवसर था। आल्हा उदल ने वैषाख पूर्णिमा को अपनी विजय का उत्सव इसी पावन स्थान पर माॅ के दरबार में नतमस्तक होंकर मनाया था।
वैशाख माह की पूर्णिमा को भरता है मेला
कई कथाए प्रचलित है यहा के चमत्कार की
माता रानी के चमत्कारों की अनेक घटनाए प्रचलित है। एक घटना दस्यु देवी सिंह की है। ये अबारमाता के परम भक्त थे। अबार का बीहड़ वन दस्यु गिराहों की भांति देवी सिंह का भी शरण स्थल रहा है। अबार की सीमा में कोई कितनी ही दौलत लिए आ जा रहा हो देवी सिंह ने कभी आंख उठा कर नहीं देखा। उनकी एक विशेषता और थी वे प्रत्येक नारी को अपनी इष्ट देवी अबार दुर्गा का रूप मानते थे।
संभवतः 1958 की वैसाख पूर्णिमा का तपता दिन था। हर साल के मेले की तरह चहल पहल थी। लेकिन इस साल अन्य सालों की तुलना में पुलिस अधिक थी। अबार के चप्पे-चप्पे पर हर यात्री की आंखों में भय मिश्रित कौतुहल था और ओठों पर एक ही प्रष्न था। क्या देवी सिंह इतनी पुलिस के होते हुए कलश चढ़ा पाएगा। क्योकि 15 दिन पहले से देवी सिंह ने घोषणा कर रखी थी कि मैं मेले की पूर्णिमा को अबार माई के मठ पर कलश चढ़ाउगा। भले ही प्राण चले जाए। पुलिस की कड़ी जाॅच के बाद ही दर्शनार्थी माता के मठ तक जा पा रहे थे। अचानक साधुओं की जमात कीर्तन करते हुए आई उन्हें बिना रोके जाने दिया । अफरा तफरी तो तब मची जब मठ के पीछे से बंदूकों के चलने की आवाज सुनाई दी। जब तक पुलिस चैकन्नी होकर पीछा करती देवी सिंह कलश चढ़ाकर बहुत दूर जा चुके थे। पुलिस हाथ मलती रह गई।
Published on:
08 Apr 2019 02:52 pm
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