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सेना की नौकरी के साथ रोजगार परक कोर्स कर रहे अग्निवीर, पहले बैच के 491 का परिणाम जारी

थल सेना दिवस- सागर. देश सेवा के प्रति युवाओं का समर्पण कम नहीं है। बड़ी संख्या में अग्निवीर बनकर युवा भारतीय सेना में शामिल हो रहे हैं। इन अग्निवीरों के लिए डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने नई पहल शुरू की है। विवि द्वारा कम्युनिटी और डिस्टेंस एजुकेशन के कोर्स शुरू कर महार रेजिमेंट के साथ […]

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थल सेना दिवस-

सागर. देश सेवा के प्रति युवाओं का समर्पण कम नहीं है। बड़ी संख्या में अग्निवीर बनकर युवा भारतीय सेना में शामिल हो रहे हैं। इन अग्निवीरों के लिए डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने नई पहल शुरू की है। विवि द्वारा कम्युनिटी और डिस्टेंस एजुकेशन के कोर्स शुरू कर महार रेजिमेंट के साथ एमओयू किया है। इसके चलते डॉ. हरिंसिंह गौर मप्र का ऐसा पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जहां सेना ज्वाइन करने के बाद अग्निवीर आगे की पढ़ाई भी कर रहे हैं। अग्निवीर एक अल्पकालीन सेवा अवधि है, इसमें एक सीमा अवधि के बाद जवान रिटायर्ड हो जाते हैं, सेना से बाहर होने के बाद भी उनके पास रोजगार के साधन रहें, इसके लिए ये कोर्स कराए जा रहे हैं। इस वर्ष ही महार रेजीमेंट में आए 491 अग्निवीरों ने विवि में प्रवेश लिया था, जिनकी परीक्षा संपन्न कराकर परीक्षा परिणाम जारी कर दिया है।

मीडिया प्रभारी डॉ. विवेक जायसवाल ने बताया कि इसका उद्देश्य है कि हमारे कम उम्र के सेना के जवान या अग्निवीर पढ़ाई में पीछे ना रह जाएं, इसलिए विश्वविद्यालय ने यह जिम्मेदारी उठाई है कि उनकी शिक्षा बाधित नहीं होगी और उन्हें उच्च शिक्षा दी जाएगी। अग्निवीरों की पढ़ाई के लिए विवि ने सर्टिफिकेट कोर्स इन प्रोफेशनल कम्युनिकेशन और सर्टिफिकेट कोर्स इन इंटरप्रेन्योरशिप शुरू किया है। इन कोर्स में बड़ी संख्या में अग्निवीररूझान दिखा रहे हैं।

अग्निवीरों को मिलेगा रोजगार

इस वर्ष विश्वविद्यालय के कम्युनिटी कॉलेज में संचालित 491 अग्निवीरों ने प्रवेश लिया था, जिनकी परीक्षा संपन्न कराकर परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया है। सर्टिफिकेट कोर्स इन प्रोफेशनल कम्युनिकेशन में 320 अग्निवीरों ने प्रवेश लिया था जिनमें से 306 अग्निवीर उत्तीर्ण हुए। वहीं सर्टिफिकेट कोर्स इन इंटरप्रेन्योरशिप में 171 अग्निवीरों ने प्रवेश लिया था जिसमें 166 अग्निवीरों पाठ्यक्रम पूर्ण किया है।

वर्जन

भारतीय सेना की एक इकाई के रूप में महार रेजीमेंट जहां बहादुर एवं कुशल सैनिक तैयार कर रही है। विश्वविद्यालय इन सैनिकों को डिग्री प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रहा है, ताकि भारतीय सेना के जवान सेवाकालीन समय में भी अपनी शिक्षा जारी रख सकें।

प्रो. नीलिमा गुप्ता, कुलपति