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जीवनदायिनी एम्बुलेंस ने ही छीन ली मासूम की जान

बीड़ी बनाकर पाल रही थी दुखयारी मां, घटना के कुछ घंटों बाद तक मौत से संघर्ष करती रही मासूम

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सागर

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Sanjay Sharma

Jan 20, 2018

sagar patrika news

Ambulance snatched Innocent life did Murder

सागर/बेरखेड़ी. घायल-जरूरतमंदों के जीवन के लिए संजीवनी बनकर उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाने वाली 108 एम्बुलेंस शुक्रवार को 6 वर्षीय मासूम के लिए काल बन गई। एसएच-86 पर बेरखड़ी में सड़क पार करते समय एम्बुलेंस की चपेट में आने से घायल हुई बालिका ने इलाज के दौरान शाम को मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। बालिका को हादसे के बाद एम्बुलेंस दल ने ही बीएमसी पहुंचाया था, लेकिन सिर में गहरी चोट होने से डॉक्टर उसे बचा नहीं सके।
जानकारी के अनुसार बेरखेड़ी निवासी सरोजबाई अहिरवार की 6 वर्षीय बेटी दशोदा शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे सड़क पार कर रही थी। अबोध दशोदा सड़क पर दूसरी ओर से आ रही एम्बुलेंस को नहीं देख पाई थी। उधर, सागर से राहतगढ़ की ओर जा रही एम्बुलेंस का ड्राइवर भी उसे अचानक बीच सड़क पर देख हड़बड़ा गया। उसने बे्रक लगाकर एम्बुलेंस को रोकने की कोशिश की लेकिन तब तक एम्बुलेंस दशोदा को टक्कर मारते हुए ऊपर से गुजर चुकी थी। सड़क पर हादसा देख वहां मौजूद लोग दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे। इस बीच दशोदा की मां भी वहां आ गई। सिर, पांव व अन्य जगहों पर गहरी चोट आने से दशोदा खून से लथपथ हालत में पड़ी थी। लोगों को समझाते हुए एम्बुलेंस चालक और र्ईएनटी स्टाफ ने परिवार के सदस्य सहित उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। मासूम को बचाने के लिए डॉक्टरों ने भी कोशिश की लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका और दोपहर करीब 3 बजे उसकी सांस थम गई।
बताया जाता है कि पिता मुन्ना अहिरवार की मौत के बाद सरोजबाई ने बीड़ी मजदूरी करते हुए बेटी को पाल रही थी। हादसे में दशोदा की मौत के बाद सरोजबाई बेसुध हो गई। उधर लोगों ने बेरखड़ी सड़क स्थित हाईवे पर हादसों की आशंका को देखते हुए वहां वाहनों की गति को नियंत्रित करने के इंतजाम करने की मांग प्रशासन और हाईवे के अधिकारियों से की है।