
atm cashless in mp
मधुर तिवारी. सागर. बीते एक सप्ताह से शहर में चल रही कैश की किल्लत ने लोगों को डेढ़ साल पहले हुई नोटबंदी याद दिला दी है। नवंबर 2016 में नोटबंदी के दौरान जैसे लोग रुपयों के लिए परेशान हुए थे, हालात अब फिर वैसे ही हो गए हैं। न एटीएम में रुपए हैं, न बैंकों के पास पर्याप्त राशि।
नतीजन ऊंट जैसी मांग के बीच लोगों को जीरा जितनी राहत मिल रही है। शहर के इक्का-दुक्का एटीएम को छोड़कर शेष किसी में कैश नहीं है। अक्षय तृतीया होने के कारण परेशानी और बढ़ गई है। जिन लोगों के यहां शादी है, वे भी कैश नहीं निकाल पा रहे हैं। साथ ही बाजार में भी कैश की कमी का असर देखने को मिल रहा है। हर सेक्टर में कारोबार धीमा चल रहा है।
विभिन्न बैंक प्रबंधनों ने कलेक्टर से की चर्चा
समस्या को लेकर बैंक प्रबंधनों का कहना है कि उनके पास भी पर्याप्त राशि नहीं है। यही कारण है कि फिलहाल एटीएम में कैश लोडिंग बंद कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो शहर के कुछ छोटे बैकों में तो कैश काउंटर से भी राशि देने पर रोक लगा दी गई है। वहीं अन्य निजी, सरकारी बैंक उपभोक्ताओं को खुश करने के चक्कर में छोटी-छोटी रकम दे रही हैं। हालांकि बैंक प्रबंधन आरबीआई द्वारा राशि जारी न होने की बात कर रहे हैं। रुपयों की व्यवस्था करने के लिए बैंक अपने स्तर पर तो प्रयास कर ही रहे हैं। साथ ही कलेक्टर सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों से भी चर्चा की है।
यह बताई जा रही समस्या
शहर में अचानक से आई रुपयों की कमी को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। विशेषज्ञों की माने तो बैंकों के हिसाब से साल में दो सीजन होते हैं। इसमें अप्रैल से लेकर सितंबर के अंत तक बिजी सीजन और अक्टूबर से मार्च तक स्लक सीजन होता है। चूंकि अप्रैल से बिजी सीजन शुरू हो गया है और इस इस दौरान बैंकों में लेनदेन बढ़ जाता है। इस समय किसानों की फसल आने के बाद मंडी व्यापारी करोड़ों रुपए का लेनदेन कर देते हैं। साथ ही भावांतर, समर्थन मूल्य सहित शासन की अन्य योजनाओं के तहत भी हजारों करोड़ रुपए की राशि का आहरण होता है। इन सभी को भी रुपयों की किल्लत से जोड़ा जा रहा है।
शहर घूम लिया कहीं रुपए नहीं निकले
मैं दो दिन से पूरे शहर के एटीएम छान रहा हूं, लेकिन कहीं भी रुपए नहीं निकल रहे हैं। यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि ये हालात कब तक रहेंगे। बहुत परेशानी हो रही है।
आदित्य जैन
रुपए निकालने चार दिन से भटक रहा हूं
चार दिन से रुपयों के लिए भटक रहा हूं। दोस्तों से जानकारी मिलती है कि फलां जगह के एटीएम में रुपए हैं तो भागता हुआ वहां पहुंचता हूं, लेकिन तब तक वह भी खाली मिलता है।
राजेश आठिया
हम अपने स्तर पर तो प्रयास कर ही रहे हैं। साथ ही जिला प्रशासन से भी चर्चा चल रही है। संभावना है कि एक दो दिन में समस्या से निजात मिल जाएगी। बैंक के बाहर लगे एटीएम में दिन में दो बार २५ से ३० लाख रुपए डाल रहे हैं लेकिन वे भी दो-तीन घंटे में खाली हो जाता है।
-एस नारायणमूर्ति, शाखा प्रबंधन, एसबीआई
Published on:
18 Apr 2018 06:20 am
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