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एनएचएम: भ्रष्टाचार रोकने के चक्कर में प्रसूताओं समेत प्रेरक व आशा कार्यकर्ताओं का भुगतान अटका

साथ ही 5 जुलाई के बाद से संविदाकर्मियों को भी राशि नहीं मिली है।

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Corruption in the NHM

Corruption in the NHM

सागर. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने सागर समेत प्रदेश के सभी जिलों के खाते बंद कर दिए हैं। इसके परिणामस्वरूप हितग्राही मूलक योजनाओं का भुगतान अटक गया है। साथ ही 5 जुलाई के बाद से संविदाकर्मियों को भी राशि नहीं मिली है।
खाते बंद करने के पीछे योजना से जुड़े अधिकारियों का तर्क है कि अब एक ही समेकित खाता होगा, जिसके माध्यम से सभी जिलों के हितग्राहियों को सीधे खाते में राशि का भुगतान किया जाएगा। एनएचएम ने हर जिले में खुले खातों से राशि भी निकाल ली है।
नई व्यवस्था के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसके तहत सभी ब्लॉकों में थंब मशीनें पहुंचाई जा चुकी हैं। आगामी दिनों में इन्हें लैपटॉप से कनेक्ट किया जाएगा। इसके बाद यदि किसी हितग्राही या योजना पर राशि खर्च की जाना है तो संबंधित बीएमओ, सीएमएचओ, अकाउंटेंट के थंब इम्प्रेशन के बाद भोपाल अप्रूवल भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद ही राशि संबंधित के खाते में जमा होगी। अभी तक सीएमएचओ के पास बजट आता था, जहां से भुगतान होता था। कहा जा रहा है कि एनएचएम ने यह कदम भ्रष्टाचार रोकने के लिए उठाया है। फिलहाल सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं हुआ है। जिसके कारण जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसूताओं को मिलने वाली सहायता राशि का भुगतान अटक गया है। अकेले जिला अस्पताल में ही करीब 350 प्रसूताओं को चेक नहीं मिले हैं। वहीं, प्रेरक और आशा कार्यकर्ताओं को भी राशिका इंतजार है।
हो सकती है परेशानी
नई योजना में हितग्राहियों को परेशानी भी हो सकती है। दरसअल, तकनीकी खराबी के कारण अप्रूवल के बाद यदि किसी हितग्राही की डिमांड नहीं पहुंच पाती है तो उसकी राशि अटक जाएगी। एेसे में संबंधित लोगों को भोपाल के चक्कर काटने पड़ेंगे। यही स्थिति कर्मचारी-अधिकारियों के वेतन को लेकर भी बनेगी।

एनएचएम ने खाते बंद कर दिए हैं। इस वजह से अभी भुगतान की प्रक्रिया अटकी है। नई नीति बनाई जा रही है। जल्द ही इस प्रक्रिया के तहत भुगतान शुरू होगा। -डॉ. इंद्राज सिंह, सीएमएचओ