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डेयरी विस्थापन: आसान नहीं मवेशियों को पकडऩा

- 334 में से 222 पशुपालकों ने प्लाट आवंटन के लिए जारी कर दी राशि- अब तक 215 संचालकों को अलॉट हो चुके प्लाट- दो डेयरियों के 34 मवेशी समेत 50 को किया शहर के बाहर शिफ्ट

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डेयरी विस्थापन: आसान नहीं मवेशियों को पकडऩा

डेयरी विस्थापन: आसान नहीं मवेशियों को पकडऩा

सागर. डेयरी विस्थापन को लेकर नियमित रूप से चल रही कार्रवाई का असर दिखने लगा है। शहर में करीब 334 डेयरियां संचालित हो रहीं हैं, जिनमें से 222 पशुपालकों ने प्लाट आवंटन के लिए राशि जमा कर दी है। यह आंकड़ा पिछले 10 दिनों में अचानक से बढ़ा है। 222 में से 215 लोगों को प्लॉट आवंटित भी हो चुके हैं। नगर निगम प्रशासन जमीनी स्तर पर कार्रवाई करने के साथ ही कागजी कार्रवाई को भी पूरा करा रहा है ताकि बैंक लोन समेत अन्य प्रकार की सुविधाओं का पशुपालकों को लाभ मिल सके।

सोमवार को 50 पशु और बाहर हुए
जिला और नगर निगम प्रशासन की टीम ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए पंतनगर वार्ड से रामविलास घोसी व सुरेश घोसी के 34 पशुओं की 2 डेयरी शहर से बाहर शिफ्ट कीं। इसके अलावा 9 पशुओं को विभिन्न स्थानों से पकड़कर रहली, बरोदा गोशाला भेजा और विभिन्न वार्ड में डेयरी संचालकों से चर्चा कर अतिशीघ्र डेयरी विस्थापन करने की समझाइश दी। रविवार की रात दलों द्वारा 7 आवारा पशुओं को पकड़ा गया। सोमवार को कुल 50 मवेशियों को शहर के बाहर शिफ्ट किया गया।

हर दिन दो डेयरियां हो रहीं विस्थापित
20 दिनों से चल रही कार्रवाई में हर दिन औसतन दो डेयरियों को शिफ्ट किए जाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा निगम अधिकारियों की दूसरी टीम अगले दिन की तैयारी में जुट जाती है, जिसके कारण कार्रवाई लगातार चल पा रही है।

विस्थापन के बाद शहर की बदलेगी सूरत: निगमायुक्त
निगमायुक्त चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि डेयरियों के कारण पूरा शहर अव्यवस्थित है। डेयरियों से निकलने वाले गोबर व भूसे को नाले-नालियों में फेंक दिया जाता है, जिसके कारण जलभराव की समस्या होती है। अनावश्यक रूप से मच्छर पनपते हैं। शहर में जगह-जगह पर गोबार लगा दी जाती हैं। डेयरियों के विस्थापन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद शहर बहुत ज्यादा साफ-सुथरा हो जाएगा। सड़कों पर बैठने वाले आवारा मवेशियों के कारण सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। यातायात जाम की स्थिति भी बनती है। इस समस्याओं से भी शहरवासियों को निजात मिलेगी।