
भगवान जगन्नाथ फूलों से सजे रथ में विराजे
शहर में 15 से अधिक मंदिरों से फूलों से सजे रथ में निकले भगवान जगन्नाथ
सागर.रथदूज के मौके पर रविवार को बड़ा बाजार में चारों ओर भक्त भक्ति में लीन रहे। भक्ति में लीन लोग जगन्नाथ के भात यानी मालपुआ के भोग को हाथ में लिए नजर आए। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि रविवार को भगवान जगन्नाथ फूलों से सजे रथ में विराजे बलदाऊ, बहन सुभद्रा के साथ निकले। भगवान जगदीश स्वामी की मनोरम छवि के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। भक्तिभाव से विभिन्न मंदिरों से गाजे-बाजे, अखाड़ा, डमरू दल के साथ निकाली गई। जय जगन्नाथ के जयकारों से बड़ा बाजार गूंज उठा। भगवान जगन्नाथ स्वामी के जयकारों के बीच रथ को खींचने के लिए भक्तों का उत्साह देखने लायक था। ढोल-नगाड़ों के बीच भगवान जगन्नाथ स्वामी के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी। शहर में 15 मंदिरों से भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ रथ में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। बड़ा बाजार में मुख्य रूप से रामबाग मंदिर, देवअटल बिहारी मंदिर, साहू समाज मंदिर, चकराघाट धनुषधारी मंदिर, केशवगंज वार्ड स्थित राधा-कृष्ण मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों से भगवान रथ पर सवार होकर भक्तों को आशीर्वाद देने निकले।
फूलों से सजे रथ में निकले भगवान
रामबाग मंदिर से निकली रथयात्रा में भगवान फूलों से सजे रथ में नई पोशाक व स्वर्ण रजत आभूषणों को धारणकर बैंड पार्टी के साथ मोतीनगर, विजय टॉकीज और तीन बत्ती होते हुए मंदिर वापस आए। यहां उनकी महाआरती की गई। यात्रा के दौरान एक क्विंटल मालपुआ का प्रसादी के रूप में वितरण किया गया। मोहननगर वार्ड में सचिन सोनी के निवास पर रथयात्रा एक दिन के लिए रूकी। 8 जुलाई को वापस मंदिर में गाजे-बाजों के यात्रा पहुंचेगी। वहीं अटल बिहारी मंदिर से जैसे ही भगवान की रथयात्रा निकली तो रथ को खींचने के लिए भक्तों में होड़ लग गई। भक्ति गीतों में कई श्रद्धालु नाचते हुए चल रहे थे।
संतों की टोली से साथ निकली यात्रा
गोपालगंज स्थित वृंदावन बाग मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। वर्षों पुरानी रथयात्रा में आगे-आगे हाथी और भजन मंडली चलती है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। रथयात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा एवं आरती उतारकर स्वागत किया गया। शोभायात्रा मंदिर परिसर से शुरू होकर कदम घाट तक पहुंचती है, जहां भगवान को तालाब किनारे लाकर उन्हें मूंग की दाल, जामुन सहित अन्य पकवानों का भोग लगाया जाता है।
बडा़ बाजार में सुबह से बने मालपुआ
बड़ा बाजार में सुबह से कई दुकानों पर मालपुआ बनाए गए। भगवान जगन्नाथ स्वामी को मालपुआ पसंद है, जिसके चलते शहर में जगह-जगह मालपुआ बनाने वालों की दुकानें लगी थीं। दुकानों पर दिनभर मालपुआ की प्रसादी खरीदने की भीड़ लगी रही।
Published on:
08 Jul 2024 07:54 pm
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